Book Title: Mahavira Vachanamruta
Author(s): Dhirajlal Shah, Rudradev Tripathi
Publisher: Jain Sahitya Prakashan Mandir

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Page 447
________________ १११ Anm वचनों का अकारादि क्रम प्रथम वचन का आध भाग दिया है, गाव में mins जाति बिल्कुल समान है, वहां द्वितीय पद की भिन्नता दिलाने के लिTHI प्रथम शब्द वचन के सामने फोड में दिया गया। अण्णरातागमा अइभूमि न गच्छेजा २३७ अगरन रानो शन अकसायमहबखायं ! ওভাৰণfir अकुव्वओ णव णत्यि ४०४ शहाद्विनिताना अक्कोमेज परो भिक्यु २५६ अरदाणि fatar अगारि सामाश्यगा ४०१ जागा Thrents अगुत्ती वभचेरस्स २०२ जटायणनामा अच्चण रयण चेव १९० अदा यणायानो अच्चे कालो तूरन्ति ३०१ अन्दर गहमा गह अधिनिमीलयमत्त ४०६ अढावा मिला मच्छिले माहए बच्चि ४० अगाया अजय याममाणो र গ্যাস ४ बजव चरमाणो उ प्रणाम /am अजय चिटमाणो उ अजय भाममाणो द १३४ श्रणावाम बगर भुनमाणी र अणावाuntim in अजय मयमाणी १३३ मिनाय गमा Yt5 H ommmmm

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