Book Title: Mahavira Prabandh Kavyo ka Adhyayana
Author(s): Divyagunashreeji
Publisher: Vichakshan Prakashan Trust

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Page 282
________________ हिन्दी के महावीर प्रबन्ध काव्यों का आलोचनात्मक अध्ययन ५३. समवायांगसूत्र प्र. सं. युवाचार्य श्री मधुकर मुनि अनु. पं. हीरालाल शास्त्री ब्यावर : श्री आगम प्रकाशन समिति, १९८२, प्रथमावृत्ति. सांख्यकारिका ५४. ५५. ५६. ५७. ५८. १. डॉ. ब्रजमोहन चतुर्वेदी, दिल्ली : नेशनल पब्लिशिंग हाउस, १९६९, प्रथम संस्करण. सूत्रकृतांग गम टीका शीलाचार्य सं. अम्बिकादत्तजी ओझा राजकोट श्री राजकोट स्थानकवासी संघ, सं. १९९३, प्रथमावृत्ति. सूत्रकृतांगसूत्र भा. १-२ प्र. सं. युवाचार्य श्री मधुकर मुनि, चंदसुराना "सरस" ब्यावर : श्री आगम प्रकाशन समिति, १९८२, प्रथमावृत्ति. स्थानांग प्र. सं. युवाचार्य श्री मधुकरमुनि अनु. हीरालाल शास्त्री ब्यावर : श्री आगम प्रकाशन समिति, १९८१, प्रथमावृत्ति. हरिवंशपुराण आचार्य जिनसेन २६७ सं. अनु. पं. पन्नाला जैन वाराणसी : भारतीय ज्ञानपीठ, १९४४, प्रथमावृत्ति (क) समीक्षात्मक ग्रन्थ श्री अमरचंद्रसूरिजी श्री तीर्थंकर चरित्र, १९९३, श्री जैन आत्मानंद सभा, भावनगर. श्री अमोलखऋषिजी, अनु. श्री घेवरचंदजी, १९७९, श्री लक्ष्मी पुस्तक भंडार, गाँधीरोड़, ब्रीज निकट, अहमदाबाद | Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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