Book Title: Mahavidya Vidambanam
Author(s): Bhatta Vadindra, Bhuvansundarsuri, Mangesh Ramkrishna Telang
Publisher: Central Library
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पृष्टम्.
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११२
. १४२ ७,८,११,२४,१४३,१४४
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विषयः परस्परपरिहार ... पराजय प्रतिज्ञा प्रतिबन्दी प्रतियोगिन् ... प्रतिवादिन् ... प्रतीतापर्यवसान प्रतीत्यपर्यवसान प्रत्यक्ष प्रध्वंस प्रमाण प्रमाणविरह प्रमिति प्रमेयत्व
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११४,११९
१
प्रसङ्ग प्रागभाव
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पृष्ठम.) विषयः ... १४४ व्यतिरेकव्याप्ति ...
१३६,१४९ व्यभिचार ... ७,९/व्यवच्छिन्न १२९,१३१ व्याघात
३८/ व्यापक
| व्याप्तिः ... १४५ व्याप्यत्व १०२,१०६,१३८/ व्याप्यत्वासिद्ध ...
___७६ व्याप्यत्वासिद्धि ... ... ३७,८९/ व्युदास ...
सकलवस्तुनिष्ठत्व | सत्प्रतिपक्ष ९७| सत्प्रतिपक्षता ...
| सत्प्रतिपक्षत्व ... १सत्प्रतिपक्षितत्व...
८९ सपक्षता ... १२१ सपक्षनिष्ठत्व ...
१२२,१२८ समवायिकारण... ... ३८ सव्यभिचारत्व ... २,७,७९, इ. सन्दिग्धानकान्तिक ... ७७| संप्रतिपन्न ...
८,६,१३१ संसर्ग ... ... ८८ संसृज्यमानप्रतियोगि ... ८७.८८ साधनवादिन् ...
साधनाव्यापकत्व
साध्यव्यापकत्व... ९९,१०७,१३२ सिद्धान्तविप्लावकत्व
सोपाधित्व ... स्वरूपासिद्ध ...
स्वव्याघातक ... ... ९८ स्वस्वेतरवृत्तित्व...
बाध
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बाधा
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भाव महाविद्या
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१३२
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१४५
मान मलशैथिल्य योग्यता योग्यानुपलब्धि ... वादिन् ... विपक्षनिष्ठ विरुद्ध विशिष्टाभाव विशेषणाभाव ... विशेष्याभाव ... व्यतिरेक
१३६ १०१
१२८
८१
१०८
१३२ ६,८,१० इ.
Aho ! Shrutgyanam
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