Book Title: Mahaveer Vani
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Bharat Jain Mahamandal

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Page 218
________________ [१९१] मशुद्ध मुत्तत्थ सम तत्वज्ञानी वेयवणी कामदुधा अप्पाणमेव कोहे लक्खखणो चरितं जावस्स नाण ज्ञानवरणीय कोहं सुत्तत्थ गा० २०६ सम गा० २०८ तत्त्वज्ञानी गा० २०७ (अनुवाद) वेयरणी गा० २११ कामदुधा गा० २११ (अनुवाद) अप्पणामेव गा० २१६ गा० २१७ लक्खणो गा० २२४ चरितं गा० २२६ जीवस्स नाणं गा० २३१. ज्ञानावरणीय गा० २३३, २३४ (अनुवाद) आशातना गा० २४५ (,) माहण गा० २५७ जइ वा हासा गा० २५९ वक्केणं गा० २६१ अकिंचन गा० २६३ (अनुवाद) रोइअनायपुत्त गा० २६९ पुराणपावगं गा० २७१ मत्ते गा० २७९ अशातना माहण जइ हासा ववकेणं अकिचन रोइस नायपुत्त पुराण पावगं मन्ते

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