Book Title: Mahadev Stotram
Author(s): Hemchandracharya, Sushilmuni
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram Sirohi

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Page 178
________________ 卐 नव प्रश्न , १. मैं कौन हूँ ? २. मैं कहाँ से आया हूँ? ३. अब मैं इधर से कहाँ जाऊँगा? ४. मैं क्या कर रहा हूँ ? ५. मेरा कर्तव्य क्या है ? ६. प्रात्मविकास के सम्बन्ध में मुझे क्या करना चाहिये? ७. हे प्रात्मन् ! संसार के सभी दुःखों और समस्त कर्मों से कब मुक्त बनोगे ? ८. हे प्रात्मन्! सच्चिदानंदस्वरूप कब प्राप्त करोगे ? ६. हे प्रात्मन ! मोक्ष के शाश्वत सुख के भागी कब बनोगे ? प्रतिदिन प्रातःकाल निद्रा का त्याग कर, इष्ट देवाधिदेव आदि का स्मरण करने के पश्चात् अपनी आत्मा को ये नव प्रश्न अवश्य पूछने चाहिये । श्रीमहादेवस्तोत्रम् -१४१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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