Book Title: Mahabal Malayasundari Charitra
Author(s): Tilakvijay, Jayanandsuri
Publisher: Ek Sadgruhastha

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Page 262
________________ श्री महाबल मलयासुंदरी चरित्र स्वर्ग गमन और उपसंहार . समय को पहचान कर कार्य करना हितकर है। वर्तमान समय का सदुपयोग श्रेष्ठ धन है। कल का भरोसा आत्म ज्ञानी ही कर सकते है। • समय को प्रमाद में व्यतीत करना महामूर्खता है । सुख पाना हो तो आचार शुद्धि को अपनाओ । आचार शुद्धि विचार शुद्धि का फल है। उत्तम बनना है, उत्तम गुणों के स्वामी बनों । ___ - जयानंद 245

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