Book Title: Madhyamdiniya Mantrasamhita
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Page 75
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobafirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanendir श्रीमद्भागवत श्रीधरीय टीकाटिप्पणी समेत यह पुस्तक अनेकानेक देशोंके प्राचीन पुस्तकोंसे मिलाकर अत्यंत शुद्ध कर सर्वत्र टिप्पणी और अतिउत्तम कागदपरपाठांतर देकर उत्तम अक्षरोंमें छपा है. यह प्रथमा वृत्ति छपाहै. ऐसा शुद्ध और सुंदर पुस्तक अन्यत्र दुर्लभ है की०१२ रु० मनुस्मृति // संस्कृत मूल और भाषाटीकासहित // इस उत्तम ग्रंथका सान्वय भाषा अत्युत्तम हुआ है यह पुस्तक हिन्दूमात्रको परमोपयोगी है, राजा महाराजाभी इसके अनुसार धर्म पूर्वक शासनकरते हैं तथा देखनेहीके योग्यहै भाषा अत्यन्त सुगम और रसीली है कीमत 3 रु. पुस्तक मिलनेका ठिकानाखेमराज श्रीकृष्णदास. "श्रीवेंकटेश्वर" छापाखाना (मुंबई) For Private And Personal

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