Book Title: Madhyamdiniya Mantrasamhita Author(s): Publisher: View full book textPage 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobafirth.org Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir यन्द्धिष्म्मः॥८॥ॐ द्रुपदादिवमुमुचानास्विन्न स्नातोमलादिव // पूतंपवित्रणेवाज्ज्यमापः शुन्धन्तुमैनसः॥९॥ॐ ऋतञ्चसुत्त्यश्चात भीडात्तपुसोध्यजायत ततोराव्यजायतुततःसमुद्रोअर्णवः सुमु द्रादर्णवादधिसंवत्सुरोऽअजायत अहोरात्राणिविदधुद्विश्वस्यमिष / तोवशी सूर्याचुंद्रुमसौधातायथापूर्वमकल्पयत् दिवञ्चपृथिवीञ्चा।। न्तरिक्षमीस्वः॥ १०॥ॐ उद्घयन्तमसुस्स्परिस्वः पश्यन्तुऽउत्त रम्। देवन्दैवत्रासूर्यमगन्मुज्ज्योतिरुत्तमम्॥ 11 // ॐ उदुत्त्या तवैदसन्देवंबहन्तिकेतवः // हुशेविश्वायुसूय॑म् // 12 // अॅचि For Private And PersonalPage Navigation
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