Book Title: Madhyakalin Hindi Jain Sahitya me Rahasya Bhavna
Author(s): Pushpalata Jain
Publisher: Sanmati Vidyapith Nagpur

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Page 338
________________ far 224. हिन्दी साहित्य का बृहत् इतिहास भाग- 1 -सं. डॉ. राजबली पाण्डेय, काशी नागरी प्रचारिणी सभा, सं. 2014 A 225. हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियां --- डॉ. जयकिशन प्रसाद खण्डेलवाल, विनोद पुस्तक मन्दिर, आगरा, अष्टम संस्करण, सन् 1971 226. जायसी के परवर्ती हिन्दी सूफीकवि और काव्य (घ) निबन्ध 1. मोहनदास ठोर ( 1643-1750 जैन सिद्धांत भास्कर, किरण 2, कुन्दनलाल जैन अंक - 25,1968 2. 313 हिन्दी का जजैन साहित्य-गदावरसिंह - भारतीय जैन साहित्य संसद, भाग आदिकाल और संतकाव्य की पृष्ठभूमि 1, पृ. 49 3. कविवर बनारसीदास प्रौर उनकी रस-भारतीय जैन सा. संसद, भाग 1 परम्परा-जमनालाल जैन 4. देवीदास --- परमानंद शास्त्री - अनेकान्त वर्ष 11, किरण 7-8 अक्टूबर, 1952, q. 273 कविवर पं. दौलतराम - परमानंद शास्त्री - मनेकान्त, वर्ष 11, किरण 3, मई 1952, पृ. 252 6. ब्रह्मजिनदास - - अगरचन्द नाहटा - प्रनेकान्त, वर्ष 11, किरण 19, नवम्बर, 1952 7. हेमराज गोदीका परमानन्द शास्त्री - प्रनेकान्त, वर्ष 11, किरस 10, प्रवचनसार हिन्दी अनुवाद पृ. 348 थानतरराय --- परमानन्द शास्त्री - प्रनेकान्त वर्षे 11 कि. 4-5 जूनजुलाई, 1952 5. - डॉ. सरला शुक्ल, लखनऊ विश्वविद्यालय, सं. 2013 8. 9. वजन और उनकी रचनायें - प्रनेकान्त वर्ष 11 कि. 6, अगस्त, परमानन्द शास्त्री 1952 10. कवि भूरदास मौर उनकी विचारधारा -अनेकान्त वर्ष 12 कि. 10, परमान्द शास्त्री मार्च 54 ↓ 11. कवि ग्रहम-परमानन्द शास्त्री-मनेकान्त वर्ष 21 कि. 3, प्रगस्त 68 12. राजस्थान के जैन कवि और उनकी अनेकान्त, वर्ष 25, क्रि. 4-5 दिसं. रचनायें गजानन मिश्र 1972

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