Book Title: Lonkagachhana Pujyona Tran Bhas
Author(s): Suyashchandravijay, Sujaschandravijay
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 6
________________ ५४ मार्च २००८ मेंहता वैद वडा वखताला, भणसाली भूपाला, लूंणीया मेंहता लायक कहीये, चतुर चौधरी चावा ... १० पारसनें प्रभू प्रांणथी प्यारा, आतमाना आधारा, कोठारी करजोडी वंदे,दीयो दरसण बलिहारा श्राविका सकल गुणें संयुत्ता, सीलवती सतधारी, प्रभू वंद्यानो प्रेम धरों छे, दीयो दरीसण दलधारी चरणकमल वांदी श्रीजीना, जनम कृतारथ कीजें, मानवभवनो लाहो लीजें, कारज सघलां सीझे श्रीगुरु भीम तणा पदसेवी, स्थवर(वि) सूजाण सुग्यांनी, पालनपुर मे रह्या चूंमासे., दया-धर्मना दांनी ... १४ संघ सकलनी वीनती मांनि, भास रची मनरंगे, मुनि मोटा शिष्य महानंद जंपें, उलटधरी नीज अंगे ... १५ महानन्द मुनि कृत जगजीवन ऋषि-विज्ञप्ति भास - २ ॥ थांने गहूली छ जी ए देशी ॥ . सरसति सामणि विनवू, माहरा सदगुरुजी, लूली लूली लागुं पाय, सदा गुरु वंदोजी, गुण गावं गछराजना, माहरा सदगुरुजी, संघ सकल सुखदाय, सदा गुरु वंदोजी पांच इंद्री संवर करी, माहरा सदगुरुजी, नवविधि ब्रह्मचर्य धार, सदा गुरु वंदोजी, पंच सुमति सुमता करी, माहरा सदगुरुजी, पंच महाव्रतधार सदा गुरु वंदोजी । च्यार कषाय परिहरी, माहरा सदगुरुजी, पाले पंच आचार, सदा गुरु वंदोजी, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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