Book Title: Lokprakash
Author(s): Jaydarshanvijay
Publisher: Jinagna Prakashan
View full book text
________________
पृष्ठः
पृष्ठः विषय: 627
628
629
विषयः 0 श्रीकुंथुजिनचरित्रम् 0 श्रीअरजिनचरित्रम् 0 श्रीमल्लिजिनचरित्रम् 0 श्रीमुनिसुव्रतजिनचरित्रम् 9 श्रीनमिजिनचरित्रम्
श्रीनेमिजिनचरित्रम् - श्री पार्श्वजिनचरित्रम् ॥ श्री वीरजिनचरित्रम्
त्रयस्त्रिंशत्तमः सर्गः
631
692
693
भावलोकः षत्रिंशत्तमः सर्गः 630
0 औपशमिकादयः भावाः
- षड्भाववर्णनम् 633
सप्तत्रिंशत्तमः सर्गः 634
0 लोकप्रकाशग्रन्थस्थ बीजानि
" द्रव्यलोकस्य पदार्थाः 644
। क्षेत्रलोकस्य पदार्थाः 6450 काललोकस्य पदार्थाः 6460 भावलोकस्य पदार्थाः 648 ग्रन्थकर्तुः प्रशस्तिः 6500 परिशिष्ट:- १ 655 0 परिशिष्ट-२ 655 परिशिष्ट-३
0 ग्रन्थकाराणामन्यकृतयः
साक्षीग्रन्थाः 661
704 705 705
706
707 708
712 714 718 718 719
भरतचक्रीचरित्रं 9 सगर - मघवा - सनत्कुमार चक्रीचरित्रं 0 सुभूमचक्रीचरित्रम् - महापद्मचक्रीचरित्रम् - हरिषेण-जय-बहादत्तचक्रीचरित्रम् - नववासुदेवचरित्राणि 0 रामायणसारः
चतुस्त्रिंशत्तमः सर्गः - पञ्चमारकस्वरुपम् 0 षष्ठारक स्वरुपम् 0 उत्सर्पिण्या: अरकाः 0 अनागतजिनजीवादिवर्णनम्
पञ्चत्रिंशत्तमः सर्गः
पुद्गलपरावर्तस्वरुपम् . द्रव्यपुद्गलपरावर्तः
क्षेत्रपुद्गलपरावर्तः 0 काल-भावपुद्गलपरावर्तः " अनुभागबन्धस्थानस्वरुपनिरुपणा
661
672
674
682 683 684 685 686

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 ... 738