Book Title: Laghu Hemprabhaya Purvarddha
Author(s): Vijaynemsuri
Publisher: Jain Granth Prakashak Sabha
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१०६ ३०१ ३०४ २६९
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पूर्वपदस्था-गः पूर्वपदस्य वा पूर्वप्रथमा-ये पूर्वमनेनन् पूर्वापरप्र-रम् पूर्वापराध-ना पूर्वापरा-धुस् पूर्वांवराध-पाम् पूर्वाला-नट पूर्वाह्रा-क: पूर्वोत्तर-कथ्नः पृथग नाना-च पृथिवीमध्यान-स्य पृथिवीस-थान पृथिव्या आन पृथुमृदु-रः
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२।३। ६४॥ | २५६ ७।३ । ४५ ॥ १५६ ७।४ । ७७॥ १८५ ७।१।१६७ ॥ १९५ ३।१।१०३ ।
१२८ ७।२। ९८॥ ७।२। ११५ २८२ ६।३। ८७॥ २८५. ६।३।१०२॥ २९४ ७।३।११३ ॥ २९४ २।२।११३ ॥ १०३ ६।३ । ६४॥ | २९३ ६।४ । १५६ ॥ २७६ ६।१।१८ ॥ २७७ ७।४।३९॥ | २५२
पृथ्वादेरिमन्वा पृषोदरादयः पृष्ठाद्यः पैङ्गाक्षीपुत्रादेरीयः पैलादेः पोटायुवति-ति पौत्रादि वृद्धम् प्रकारे जातीयर प्रकारे था प्रकृते मयट प्रकृष्ट तम प्रजाया अस् प्रज्ञादिभ्योऽण् प्रज्ञापोंद-लौ प्रज्ञाश्रडा-णः प्रतिजनादेरीनन्
७।१।५८॥ ३।२।१५५॥ ६।२।२२॥ ६।२।१०२॥ ६।१।१४२॥ ३।१।१११॥ ६।१।२॥ ७।२। ७५॥ ७।२।१०२॥ ७।३।१॥ ७२।५॥ ७।३ १३७॥ ७।२ । १६५॥ ७।२।२२॥ ७।२।३३॥ ७।१।२०॥
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Mellhalkkh
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२४६ १६३ २५६
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