Book Title: Kuvalayamala Part 2
Author(s): Bhuvanbhanusuri
Publisher: Divya Darshan Trust
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________________ Jalin Educatjan International प्रभुना ध्यान प्रभता नवपद प्रकाश-रिहतपद 0-00 00000000000 nvale & Personal use on 0000000000000 000000000000 3000 पूज्य आचार्यदेवश्री विजय भवनभ श्वरजी महाराज आलेखित साहित्य 1. परमतेज भाग-१ आवृत्ति - 3000 रु. 70- 22. वाचना प्रसादी000000000१०-००७ 2. श्री भगवतीसूत्र विवचेन - भाग 1000 223. योगद्रष्टि समुच्चय भाग -10000035 23. वाचना वैभव 000008808 15-00 24. प्रभुना ध्याने प्रभुता पामे 8888824. योगद्रष्टि समुच्चय भाग - 2 25. संकल्प भळे सिद्धि मळे 8000 26. वाचनानो खजानो000000000 / 6. नवपद प्रकाश - सिद्धपद 00000 20- 27. दरिसन तरसीये 000000000 7. नवपद प्रकाश- आचार्यपद - उपाध्यायपद८ 28. मानव तुं मानव बन00000000 5008. सीताजीना पगले पगले - भाग - 100 29. मानव जीवन में ध्यान का महत्त्व 0000 सीताजीना पगले पगले - भाग -200007-50 30. भेदी आकाशवाणी (कुवलयमाला - 1) 24 0. मनना मिनारेथी मुक्तिना किनारे - भाग - 10 15- 31. जैन धर्मका परिचय- 5000 2011. मनना मिनारथी मुक्तिना किनारे - भाग -2 15- 32. चैत्यवंदन सूत्रप्रकाश (आराधना) | 12. जोजे डुबी जाय ना 6000000004 33. समरादित्य चरित्र - भव 1-2 | 13. यशोधर चरित्र - भाग - 10000003 | 34. उपदेशमाळा - मूळ तथा अनुवाद 00015| 14. यशोधर चरित्र - भाग - 2 0000001- | 35. सूरि पुरंदर 000000000005 15. प्रीतम केरो पंथ निराळो 000000010- | 36. महासती देवसिका 0000000 26. तिमिर गयुं अने ज्योति प्रकाशी 0000 37. परमात्मभक्तिना रहस्य | 17. ताप हरे तन - मननां 888888 | 38. तर्कना टांकणा, श्रद्धा शिल्प0000 30| 18. गणधरवाद - आवृत्ति 300000010- 39. मननां दरद मननी दवा 000000 45 19. कडवा फळ छे कोधना 000000020-00 - 40. तुं तारुं संभाळ 00000000020Deod 20. मानव जातिने जैन धर्मनी बक्षीस0000८-०० - 41. जीवन बने उपवन 000000016Doo 21. प्रारब्ध उपर पुरुषार्थनो विजय 00000 3-00 / 42. भेदी आकाशवाणी (कुवलयमाला भाग -2). Bo ooooप्राप्तिस्थान :-दिव्यदर्शन ट्रस्ट- कुमारपाल वि. शाह 36, कलिकुंड सोसायटी - धोलका- 387810 : 08 ww. .

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