Book Title: Kuran ki Zaki
Author(s): Swami Satyabhakta
Publisher: Swami Satyabhakta

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Page 31
________________ (२७) ९३ -सूरे जुहा १--यतीम पर जुल्म न करना और न भिखारी को झिडकना। १०४-मूरे हमज़हा १--जो ऐबचीनी करता है आवाजें कसता है उसकी तबाही है। २--जो इस ख़याल से माल जमा करता और उसको गिन गिन कर रखता रहा कि वह माल की बदौलत हमेशा जिंदा रहेगा सो यह तो होना नहीं, वह ज़रूर [एक दिन] हजमह (दोजख की आग) में फेंका जायगा । ११४-सूरे अन्नास १-कहा करो कि मैं पनाह चाहता हूँ उस अल्लाह से जो सबका पर्वर्दिगार, सब का हक़ीकी बादशाह और सब का माबूद है (कि वह मुझे) उस शतान की बुराई से बचावे जो (चुपके चुपके) लोगों के दिलों में बुरे ख़याल डाला करता है । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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