Book Title: Kunthunath Charitram
Author(s): Shubhvardhan Gani
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 2
________________ Sun Mahavir Jain AradhanaKendra www.kobatirtm.org ACRES Kisseur Byendir कुंथुनाथ है चरित्रम् ॥श्रीजिनाय नमः ॥ ॥ श्रीचारित्रविजयगुरुभ्यो नमः ॥ ॥ अथ श्रीकुंथुनाथचरित्रं प्रारभ्यते ॥ (कर्ता-श्रीशुभवर्धनगणि) छपावी प्रसिद्ध करनार-पंडित श्रावक हीरालाल हंसराज-जामनगरवाळा. विजये मंगलावत्या जंबूद्वीपविदेहगः ॥ नगयाँ पुंडरीकिण्यां जित्रशत्रुर्नृपोऽजनि ॥१॥ अर्थः-मंगलावती नगरीनो विजय थतां पुंडरीकिणीनगरीमा जंबूद्वीपमां आवेला विदेह देशमा रहेनार जितशत्रुनामनोराजा थयो. अन्यदा स गुरोः पार्थाद्धर्म श्रुत्वा जिनोदितम् ॥ प्रबुद्धो न्यस्य साम्राज्ये तनयं सनयं महैः ॥२॥ प्रव्रज्यामाददेऽमंदमुदा नृपतिभिः सह ॥ एकादशांगधारी स क्रमाजज्ञे श्रुतांबुधिः ॥ ३॥ For Private And Personal use only

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