Book Title: Konik Raj Samhaiyu
Author(s): Tirthtraiyi
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 28
________________ सप्टेम्बर 2010 97 अपहार = कपडाथी ढांकेल गाडं, जेमां | तलवर = राजाओ बक्षिस आपेल सोनानो राज स्त्रीओ बेसे. | पट्टो धारण करनार धनवान समलादिक = कसब (=सोना-रूपाना | सन्धिपाल = राज्यना सीमाडा- रक्षण तारथी बनावेल कापड)थी बनावेली | करनार अमलदार टोपी भाण्ड = जोकर जोतरिया = गाडामां जोड्या उंच समा = उंचा समान = पवित्र उदन्त = खुश खबर | शक्ति = सांग नामनुं हथियार. हीरागल = रेशमी कपडं | पाला = पायदळ मंचातिमंच = मंच उपर मंच हवणा = हमणा त्राट = ताट्टी = वांसनो पडदो. | मार्दल = मृदंग शिलपी = अंगमर्दननी कलानो जाणकार | गुडी = नानी ध्वजा तुटित = तोडो, बेरखा, बाजुबन्ध परितन्त = परिवार वाम = बे हाथ पहोळा करी छातीनो | कंसताल = कांसी जोडा, कांसीया, मंजीरा ___ उपलो भाग मेळवता जे लंबाई | जुइ = जुओ छे थाय ते, आशरे त्रण गज = छ फुट | कठ पंजर = काष्ठ पांजरुं प्राहुणा = प्राघुर्णक = महेमान, परोणा | मेढी = आधार स्थम्भ C/o. धीरेनभाई गांधी गांधी फळिया, नानी बजार ध्रांगध्रा 363310

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