Book Title: Kevalgyan Prashna Chudamani
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 197
________________ नोट-विकला को दशा के पलों में, कला को घटियों में, अंशों को दिनों में और राशि को महीनों में जोड़ा गया है। जो वर्ष हासिल आएगा उसे ऊपर संकेत चिह्न लगाकर जोड़ देंगे। विंशोत्तरी दशा का उदाहरण प्रस्तुत उदाहरण में रोहिणी नक्षत्र का जन्म है, अतः चन्द्रमा की दशा में जन्म माना जाएगाभयात भभोग ४।३० ६५।२० x ६० ४६० २४० + ३० ३६०० + २० = २७० पलात्मक भयात = ३६२० पलात्मक भभोग २७० x १० ग्रह दशा चन्द्रमा के वर्षों से गुणा किया-२७०० + ३६२० (पलात्मक भभोग) से भाग दिया ३६२०)२७००० २७०० x १२ ३६२०)३२४००(८मास ३१३६० १०४० x ३० ३६२०)३१२००(७ दिन २७४४० ३७६० x ६० ३६२०)२२५६००(५७ घटी १६६०० २६६०० २७४४० २१६० x ६० ३६२०)१२६६००(३३ पल ११७६० १२००० ११७६० = ०८७ 157 ३३ भुक्त वर्षादि चन्द्रमा की कुल दशा १० वर्ष की होती है, अतः दशा में-से भुक्त वर्षादि को घटाया परिशिष्ट-२ : १६५

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