Book Title: Kavyashatakam Mulam
Author(s): Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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________________ पृष्ठं पंक्ति शुद्धम् पृष्ठं पंक्ति शुद्धम् 656 18 कृतत० दृढव्यधः 682 4 क्षिप्नुरेन० 661 6 ०निह्न तदर्पताम् 683 2 विदुषापि 662 16 किममीकृता 683 16 मयि दृष्टे 665 11 ०रामरवत्सुधां 684 10 धीरहो 665 12 नापिबः 685 21 भवतां 666 23 षड्ऋतवः 688 12 विश्वकश्यैव 666 25 यद्भवते 606 13 भैमीभ्रमस्यैव 667 3 चेद 660 14 पर्यवश्यन 667 12 तत्क्षणमापिथ६९० 14 त्तधैर्यपूजा 673 16 ०मर्षणऋग्भिः 691 3/9 संघट्ट्य 674 2 स्तावकरतितरां 695 . 7 मोहं च 674 7 कुमारी * 666 15 गन्धर्ववध्वः 675 8 696 21 सुभ्र६७५ 10 उत्तरोत्तर० 666 4 लघूकृतस्वं 675 13 ०मुपधाय . * 664 21 दूत्यं 676 1 पर्वतेन 701 - 1 प्रतिवाचमर्धे 676.6 तद्वारसंक्रमित०. 701 24 बन्धुर्यदि 676 17 यत्पिधित्सु० 702 1 प्रतीपोक्तिमति 676 26 शृण्वति 702 7 सापनीतं 677 5 पृथगथो 703 2 पल्लवितश्चिरं 678 6 ०मपरान्नपपुत्री 705 11 सपक्षकविधोः 676 15 विशिष्य . 705 15 अस्या 676 16. शैशवावधि 705 23 कोशान्धकारादथ 680 26 इत्यम 706 3 व्यधाद्विधे० 680 23 यद्यशो 706 24 कुरङ्गी पृच्छयते
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