Book Title: Karmprakruti
Author(s): Hiralal Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
________________
कर्मप्रकृति
गा.
गा०
१५५ १५५ ६८
१००
७६
४८,४९ । ६२,६३
सुभगनाम सुस्वरनाम सूक्ष्मनाम सृपाटिकासंहनन स्त्यानगृद्धि स्त्रीवेद स्थावरनाम स्थिरनाम स्निग्वनाम
शक्तितस्त्याग शक्तितस्तप शरीरनाम शरीरपर्याप्ति शीतस्पर्श शोलवतेष्वनतीचार शुभनाम •शोकमोहनीय श्रुतज्ञान श्रुतज्ञानावरण श्वेतवर्णनाम
९२
सम्यक्प्रकृतिमिथ्यात्व सम्यग्मिथ्यात्व संघातनाम संज्वलनकषाय संज्वलनक्रोध संज्वलनमान संज्वलनमाया संज्वलनलोभ संस्थाननाम संहनननाम सातावेदनीय साधारणशरीरनाम
३८
हास्यनोकषाय हुण्डकसंस्थान
१००
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 191 192 193 194 195 196 197 198