Book Title: Karmagrantha Part 4 Shadshitik
Author(s): Devendrasuri, Sukhlal Sanghavi
Publisher: Parshwanath Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 289
________________ Jain Education International संस्कृत सुरगति सूक्ष्म हिन्दी देवगति। 'सूक्ष्म' नामक वनस्पतिकाय के जीवविशेष। २३६ For Private & Personal Use Only गाथाङ्क १०,४१,१८,२६,३० २,५,१२,१८,२२,२९,३७, ४१,५८,५९,६१,६२ ८६ ३,७,३७,४५,५३,६५,६९,७० ५२,५३,५४,५८ ४१,४२,४३-२,४४ ३९,४१,६२,६३ १,७१ ९,३४ ५८ ७,८,६० ६० प्राकृत सुरगइ(५१-१३) सुहुम(९-१८, ६०-२३) सुहुमत्थवियार सेस सोल(-स) संख संखगुण संखिज्ज संजम(४९-१८) संजलणति संत(६-८) संतुदय संसइय(१७६-९) सूक्ष्मार्थविचार शेष . षोडश संख्य संख्यगुण संख्येय संयम संज्वलनत्रिक 'सूक्ष्मार्थविचार' अपरनामक यह ग्रन्थ। बाकी। सोलह। संख्यातगुना। संख्यातगुना। संख्या। 'संयम'। . संज्वलन क्रोध, मान और माया। 'सत्ता। 'सत्ता' और 'उदय। 'सांशयिक' नामक मिथ्यात्वविशेष। चौथा कर्मग्रन्थ सत्तोदय सांशयिक www.jainelibrary.org ८६ ५०,५४ ८०,८४ भवति हेतु भवति होता है। सबबा होता है।


Page Navigation
1 ... 287 288 289 290