Book Title: Karma Siddhant Parichaya
Author(s): Ajit Kumar
Publisher: Ajit Kumar

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Page 49
________________ प्रकाश में विद्यार्थबुद पढ़ना है किन्तु पढ़ने में सहायता मे के पार बहनों बाद देना है कि निजली मुझे पढ़ाना है। मदद से कर्म-मिद्धान्न समझ कर हमको अपने रों पर म्बई प्रोकर प्ररनी उनि के लिये खुद वोग करना वार्षि। समाप्त। L Nar

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