Book Title: Karm Ki Gati Nyari Part 06
Author(s): Arunvijay
Publisher: Jain Shwetambar Tapagaccha Sangh Atmanand Sabha

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Page 1
________________ रे H कर्म की गति न्यारी मूर्ख देव मनुष्य नारकी तिच सुख च्य नीच दुःख કુંમાર तलवार परमध श्रावृती : १००० • कोदा कोडी शिपम वेदनीय 2 गोत्रकर्म 2 ३३ सागरोपम ३० कोड़ा कोडी ३० काडा को सागरोपम लघु आयुष्य ज्ञानावरणीय ४ अक्षय ज्ञान अगुरु अ. सुखा आत्मा आंख पर पट्टी जैसा अनामी 'वीर्य' नाम कुर्म अंतराय २०३ दर्शन दर्शनावरणीय "सागरोपम Fusy Te चारित्र मोहनीय २८ /२० कोड़ा कोडी ३० कोड़ा कोडी सागरोपम सागरोपम મ Hou 35 अन्धा निद्र CS चित्रकार:कैलाश शर्मा जयपुर गति, जाति, शरीरादि दुर्बल गरीब प्रवचनकार एवं लेखक:-प्. मुनिराज श्री अरुणविजयजी महाराज चातुर्मासिक रविवासरीय सचित्र व्याख्यानमाला श्री जैन श्वेताम्बर तपोगच्छ संघ आत्मानंद सभा भवन, जयपुर आ. श्री. कैलालसागर मुरि ज्ञान श्री महावीरच आराधना केन्द्र कोवा मूल्य सदुपयोगार्थ १)

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