Book Title: Kantivijayji Shastra Sangraha Chhani Vadodara
Author(s): Kantivijayji Shastra Sangraha
Publisher: Kantivijayji Shastra Sangraha

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Page 12
________________ क्रमानुसार सूची प्रवर्तक कान्तिविजयजी म.सा. शास्त्र संग्रह (हस्तलिखित) जैन ज्ञान मंदिर, छाणी क्रमांक ग्रंथ का नाम नोंध पत्र १२२ ३१७/२ | गुणानुरागकुलकआदि ३१८ | सम्यक्त्वसप्ततिकासटीक त्रूटक ३१९ / घंटाकर्णकल्प ३२० | त्रिंशञ्चतुर्विंशतिकादशस्तवी ३२१ | पाक्षिकसूत्रावचूरि ३२२ आचारदिनकरांतर्गत प्रतिष्ठादि अधिकार ३२३ | वास्तुमंजरी ३२४ | विजयदेवसूरि आदेश पट्टक ३२५ | प्रश्नोत्तररत्नमालिकावार्तिकसहिता त्रिपाद ३२६ | कूर्मापुत्रचरित्र ३२७ | समयसारनाटक कवितबंध सार्थ पंचपाठ ३२८ | चतुर्विशतिजिनभवस्तव नमस्कार महात्म्य ३३० | आतुर प्रत्याख्यान ३३१ | गिरिनारगिरिस्तोत्र सावचूरि त्रिपाठ ३३२ | यमकस्तुत्यष्ट पंचाशिकावृत्ति आदि अनेक स्तुति स्तोत्र सटीक ३३३ | द्वादशव्रतालापक ३३४ | युगप्रधानगंडिका ३३५ | विजयसेनसूरि स्वाध्याय सटीक ३३६ |जय तिहुयण स्तोत्र सावचूरि ३३७ | चउस्त्रिंशतिका तथा चउविंशतिका ३३८ | उववाइसूत्र सटिक त्रिपाठ ३३९ | धर्मोपदेशशत सटीक ३४० न्यायप्रवेशसूत्र ३४१ | वृध्धाचार्योना प्रबंधो ३४२ | आत्मानुशासन ३४३ | राजवर्णनकाव्य ३४४ | सूक्तावली ३४५ | पद्मविजयगणिनिर्वाण ३४६ | महावीरस्वामिस्तोत्रसटीक सारस्वत व्याकरण संज्ञासूत्र गर्भित ३४७ । | सिध्धांत सारोध्धार ३४८ | समरांगण-सूत्रधार-वास्तुशास्त्र ३४९ नंदी लघुवृत्ति ३५० । | मंडल प्रकरण सटीक त्रिपाठ | षट्स्थानक प्रकरणवृत्तिसह प्रायश्चितप्रधान सामाचारि सटिक त्रिपाठ आदि ५९ ३४५ २-१३६ । अपूर्ण ५५ २४ ३५१ ३५१ । ३५२ ।

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