Book Title: Kantivijayji Shastra Sangraha Chhani Vadodara
Author(s): Kantivijayji Shastra Sangraha
Publisher: Kantivijayji Shastra Sangraha

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Page 28
________________ क्रमानुसार सूची ) ९०० ८८ तक कान्तिविजयजी म.सा. शास्त्र संग्रह (हस्तलिखित) जैन ज्ञान मंदिर, छाणी क्रमांक | ग्रंथ का नाम | ___ पत्र | नोंध ८९३ | उपासक दशांग टबार्थ दश श्रावक वार्तारुप 1८९४ | नव्यकर्मग्रन्थ पञ्चकावचूरि ८९५ | सिद्धांतगत विचार ८१६ | पुष्पमाला प्रकरणम् बालावबोधसह ३५ ८९७ । | संग्रहणी बालावबोध ४० ८९८ | उपदेशमाला बालावबोध सहित २-१८५ ८९९ | आरंभसिद्धिवार्तिक १३५ कल्पसूत्र कल्पदीपिकावृत्तिसहित त्रिपाठ १५९ ९०१ । । सूत्रकृतांग दीपिका १७९ ९०२ ९०३ कर्मग्रन्थषटकावचूरि ९०४ | महिपाल चरित्र (अपूर्ण किंचित) ४९ | कल्पसूत्र किरणावली टीका सहित (अपूर्ण) १४-२०६ ९०६ | उत्तराध्ययनवृत्तिगत कथा ९०७ | श्राद्धविधि ९०८ | शत्रुजयतीर्थ माहात्म्य सस्तबक ६४१ ९०९ | ज्ञाताधर्मकथांग सस्तबक ३२१ ९१० प्रज्ञापनोपांग ४१० ९११ | आनंदघनचोवीसी बालावबोध साथे १०५ ९१२ | विचारषद्विशिका (दंडक) बालावबोधसहित । ९१३ | कालिकाचार्यकथा | ९१४. | सामाचारी ३० तत्त्वार्थ लघुटीका २५८ ९१६ | उत्तराध्ययन वृत्ति ९१७ | महीपाल कथा ९१८ जन्मपत्री पद्धति ९१९ चतुर्विशिति प्रबंध ९२०. द्वयाश्रय महाकाव्य वृत्ति सह षष्ठसर्ग ५८ श्लोक सुधी २-१११ ९२१ | चतुर्विंशति प्रबंध (आद्यपत्राष्टक नास्ति) ११२ | उपाशक दशाङ्ग सस्तबक ६० शत्रुजय महात्म्यान्तर्गत रैवताचल वर्णन ९४ | ९२४ श्राध्धप्रतिक्रमणवृत्ति ९३-१६६ ९२५ | उत्तराध्ययनाव चूरि ९२६ | रत्नसंचय बालबोधसहित ११ १८९ ९२२

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