Book Title: Kanakkushalvrutti vishe Ketlik Nondh
Author(s): Trailokyamandanvijay
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 4
________________ ८० २६ २६ २६ अनुसन्धान - ५३ श्रीहेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग - १ सङ्गमाख्यो देवः भगवदुपसर्गम् अक्षुब्धं च भगवन्तम् सङ्गमकाख्यो देवः उपसर्गम् अक्षुब्धं भगवन्तम् + मुद्रित वाचनामां प्रथमादर्शनी अपेक्षाओ केटलुंक उमेरण पण थयुं छे जेमके श्लोक १६ अथवा करुणाख्यः तृतीयो रसः, श्लोक २२मां मुनिसुव्रत पदनी व्युत्पत्ति, श्लोक २६ व. मां श्रीनो अर्थ लक्ष्मीनी जग्याओ अष्टप्रातिहार्यलक्ष्मी व.

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