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अनुक्रमणिका
मंगलकामना
:
समर्पण ...............................
=:
प्रकाशकीय ...............................................................
=
८
प्राक्कथन ..
................v-vi
...
...
......... vi-x
.....xi
कैलास श्रुतसागर सूची प्रकाशन की रूपरेखा ...................... प्रस्तुत हस्तप्रत सूचीगत सूचनाओं का स्पष्टीकरण ............... अनुक्रमणिका .. प्रस्तुत सूची में प्रयुक्त संक्षेप व संकेत ............
.... xii-xiii हस्तप्रत सूचीकरण सहयोग सौजन्य .......
......................xiv हस्तप्रत सूची ..................
............... १-४५३ परिशिष्टः कृति परिवार अनुसार प्रत-पेटाकृति अनुक्रम संख्या.. .. .............४५४-४५६ १. संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट - १ ...
...............४५७-४९० २. देशी भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट - २ ...
..४९१-५९०
प्रस्तुत खंड ७ में निम्नलिखित संख्या में सूचनाओं का संग्रह है. 0 प्रत क्रमांक - २६९९१ से ३००२९ 0 इस सूचीपत्र में मात्र जैन कृतियों वाली प्रतों का ही समावेश किए जाने के कारण वास्तविक रूप से
२२८५ प्रतों का समावेश इस खंड में हुआ है. ० समाविष्ट प्रतों में कुल ४३४८ कृति परिवारों का समावेश हुआ है. 0 इन परिवारों की कुल ४७८८ कृतियों का समावेश हुआ है. ० सूची में उपरोक्त कृतियों कुल ६७९० बार आई हैं.
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