Book Title: Kahavali Pratham Paricched Part 02
Author(s): Kalyankirtivijay
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 10
________________ IX प्रति - परिचय तथा सम्पादन पद्धति कहावलीना प्रथमपरिच्छेदना द्वितीय खण्डनी एकमात्र प्राचीन ताडपत्रीय पोथी (क्र. ४०३, संघवीना पाडानो भण्डार, पाटण)ना आधारे आ ग्रन्थनुं सम्पादन कर्तुं छे. आ पोथीनां कुल पत्रो ३०२ छे. पत्रोनुं माप ३४ x २ इंचनुं प्राय: छे. प्रत्येक पत्र पर ३ थी ७ पङ्क्तिओ लखायेली छे. ग्रन्थाग्र ११, २०० श्लोक प्रमाण छे. प्रतिनुं लेखन कया वर्षमां थयुं छे ते उल्लिखित नथी, छतां लेखन पद्धति, अक्षरो वगेरे परथी बन्ने प्रतिओ साथे ज लखाई हशे तेवुं सम्भवे छे. तेथी आ प्रतिनुं लेखन पण प्रथमखण्डनी प्रतिनी जेम वि.सं. १४९७नी आसपास ज थयुं ह... प्रतिनो आरम्भ पत्र क्रमाङ्क १ पर, ब्रह्मदत्तचक्रवर्तीना कथानकथी थाय छे अने तेनो अन्त ३०२मा पत्र पर भवविरहसूरिनी कथानी पूर्णाहुति साथे आवे छे. आ प्रति प्रथम खण्डनी प्रति करतां पण वधु अशुद्ध, वधु भ्रष्ट छे. घणा पाठो त्रुटित छे. यथाशक्य, उपलब्ध ग्रन्थोना आधारे तथा सन्दर्भोने लक्ष्यमां राखीने अक्षरो पाठो सुधार्या छे अथवा त्रुटित पाठो पूर्ण कर्या छे. छतां, अनेक स्थानोमां त्रुटित/शङ्कित पाठो, कोई आधार / सन्दर्भ न मळवाथी यथावत् राख्या छे. ज्यां ज्यां विविधग्रन्थोमांथी ग्रन्थकारे गाथादि सन्दर्भो मूक्या छे तेना स्थाननिर्देश यथाशक्य शोधीने ते ते स्थळोए ज कर्या छे. कोई कोई स्थळे अघरा / अपरिचित शब्दो वपराया छे तेना संस्कृतभाषीय पर्याय पण टिप्पणमां निर्देश्या छे. अनुक्रमणिका - बे बनावी छे : १. ग्रन्थानुक्रम जेमां समग्र पुस्तकना दरेक विभागनो अनुक्रम छे, तथा २. कथानुक्रम जेमां ग्रन्थमां आवती कथाओनो अनुक्रम छे. ग्रन्थकारे पोते जे कथाओनो स्वयं निर्देश कर्यो छेते, तथा ते सिवायनी पण महत्त्वनी कथाओ कथानुक्रममां सूचित छे. कुल १८० कथाओ छे. परिशिष्टो ग्रन्थान्ते ९ परिशिष्टो आप्यां छे. प्रथम परिशिष्टमां ग्रन्थान्तर्गत समग्र कथाओनी अकारादि सूचि आपी छे. द्वितीय परिशिष्टमां ग्रन्थगत कथाओनां मूलस्थानोना ग्रन्थसन्दर्भो आप्या छे तथा अन्यान्य ग्रन्थो साथे तुलना करी छे. तृतीय परिशिष्टमां ग्रन्थगत देश्य - प्राकृत- जूनी गूजरातीभाषीय शब्दोनी सूचि. चतुर्थ परिशिष्टमां ग्रन्थगत देश्य - प्राकृत- जूनी गुजरातीभाषीय धातुओनी सूचि. पञ्चम परिशिष्टमां ग्रन्थगत सूक्तिओनी सूचि. षष्ठ परिशिष्टमां ग्रन्थगत कहेवतो/लोकोक्तिओनी सूचि . सप्तम परिशिष्टमां ग्रन्थगत शास्त्रीय पदार्थो. अष्टम परिशिष्टमां ग्रन्थगत वेदादि अन्य शास्त्रना पदार्थोनी सूचि . नवम परिशिष्टमां विविध प्रसंगोए विविध तीर्थोनी उत्पत्ति थई छे, तेनी सूचि.

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