Book Title: Jyoti Kalash Chalke
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 11
________________ "माना कि धर्म की अपनी मर्यादाएँ होती हैं और प्रत्येक धार्मिक को उन मर्यादाओं का पालन करना चाहिए पर, यह नहीं भूलना चाहिये कि प्रत्येक युग की भी अपनी मर्यादाएँ होती हैं और उसके चलते आवश्यक संशोधन न केवल रख-रखाव में अपितु, आचरणसंहिता में भी होना चाहिए, ताकि धर्म और जीवन, शास्त्र और आचरण, कथनी और करनी का फर्क न रहे।" Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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