Book Title: Jinvijay Jivan Katha
Author(s): Jinvijay
Publisher: Mahatma Gandhi Smruti Mandir Bhilwada

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Page 223
________________ २००] जिनविजय जीवन-कथा तब से ही वह मूर्ति अब तक उदयपुर के राजमहलों में पूजित हो रही है । इस मूर्ति का उल्लेख स्वर्गीय महाराणा स्वरूपसिंह जी ने जब अपने राजघराने के देवताओं की यादी (रेकर्ड) तैयार करवाई तब इस यादी में इस मूर्ति का उल्लेख किया गया था और उदयपुर राजवंश के पिताम्बरराय जी की सेवा पूजा करने वाले जो मुख्य ब्राह्मण कुल है उनके वंशज आज भी उदयपुर में विद्यमान हैं और उनके पूर्वज सदैव पिताम्बरराय जी एवं गिरधर गोपाल की पूजा सेवा प्रादि करते रहे हैं। ___ यह उपरोक्त जानकारी मुझे सर्वप्रथम स्वर्गस्थ ठा० चतुरसिंहजी से २८ वर्ष पहले हुई थी और इसी जानकारी का समर्थन ठा० श्री लालसिंह जी द्वारा अब प्राप्त हो रहा है । अत: इससे यह निश्चय होता है कि मीरां बाई द्वारा पूजित गिरधर गोपाल की वास्तविक मूर्ति उदयपुर के राजमहलों में विराजमान हैं । अब इस भगवत् मूर्ति को पुनः चित्तौड़ गढ़ में लाकर उसी मीरा बाई के प्राचीन एवं मूल मंदिर में स्थापित करने का जो शुभ प्रयत्न किया जा रहा है वह केवल उदयपुर के राजवंश के लिये ही नहीं परंतु सारे राजस्थान एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष की धार्मिक जनता के लिये बहुत ही आनन्द और हर्ष का प्रसंग होना आहिये और इस कार्य में सभी देशवासियों को यथाशक्ति सहयोग देना चाहिये । निवेदक, मुनि जिनविजय पुरातत्वाचार्य आनरेरी डायरेक्टर प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान राजस्थान सरकार, जोधपुर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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