Book Title: Jinruddhisuri Jivan Prabha
Author(s): Fulchand Harichand Doshi
Publisher: Jinduttasuri Gyanbhandar

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Page 377
________________ श्रीमान् श्री १००८ श्री मोहनलालजी महाराजानां सुरत ज्ञानभंडारस्य शास्त्री श्री सन्मुखराम केशवरामज्योतिषिकृत श्लोकाः शार्दूलविक्रीडित पंचाभ्राभ्र कराङ्किताब्द तपसि श्री कृष्ण षष्ठ्यां भृगौ जैनाचार्य जिनद्विरि वचसा वीरस्य प्रासादके ॥ नानी खाखर कच्छ देश वसतिः श्री हर्षचन्द्राभिधो घंटाकर्ण सुयक्ष मूर्ति मचलाम स्थापयद्भक्तितः ॥ १ ॥ " मालिनी " वसुखखकर वर्षे ज्येष्ठ शुक्लाग्नि जीवे शुभ खचर समेते प्रातरैज्य मुहूर्ते ॥ गुरुवर जिनऋद्धिः सूवियऽति भव्यो द्विवसुमित वयस्कः कालधर्म प्रपेदे 66 " स्रग्धरा मुम्बापु सुसंघो वसुमित दिवसं पुष्कळोत्साहपूर्व चक्रे भव्योत्सवं श्री जिनवर गुरुदेवस्य मूर्तिप्रसंगे ॥ ॥ २ ॥ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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