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॥ अशुद्धिशुद्धिपत्रम् ॥
शुद्धि
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पृष्ठ पंक्ति अशुद्धि ४ १२-१३ में टिपनी है २ ओली १४से मूल है ४ १४ पृथ्वीके ऊपर१८सो समभूतलसें ९से नीचे योजन
९से ऊपर २१ सो ४३ २६ सो ३५ टिप्पनीकी लकीर है उपत्ति
उत्पत्ति ८ १२ सुदर्शनविजय सुदर्शन विजय श्रीरिभदेव
श्रीरिषभदेव २७ ५ पृथ्वीपर
रत्न पीठपर कितनेक
असंख्यात ३२ १२ संख्याण
सांख्य १३-१४ देवलोकएसें देवलोकसें राजसगण
राक्षसगण ५९ २१
आर्यशिवा
आर्यासिवा कुंथकुमर
कुंथुकुमर प्राप्ति
प्राप्त प्राप्ति
प्राप्त ...
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