Book Title: Jinabhashita 2007 09
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 34
________________ अविवाहित युवक-युवती परिचय सम्मेलन । श्रावक-श्रेष्ठी श्री रामकिशनजी जैन का निधन भारतवर्षीय खण्डेलवाल दि. जैन महासभा के आचार्य श्री- के अनन्य भक्तों में दिल्ली के श्रावकतत्वावधान में अजमेर जिले में प्रथम बार मदनगंज- श्रेष्ठी श्री रामकिशन जैन का विशिष्ठ स्थान था। आपके किशनगढ़ में स्थानीय जैन समाज के सहयोग से श्री दि. ज्येष्ठ सुपुत्र श्री महावीर प्रसाद जैन आचार्य-संघ में 'माचिस जैन ज्ञानोदय नवयुवक मण्डल द्वारा ‘अविवाहित युवक- वालों' के नाम से परिचित हैं। आप वर्ष 1991 में ब्लड युवती परिचय सम्मेलन' का भव्य आयोजन दिनांक 7 | कैंसर महारोग से ग्रसित हो गये। बचने की कोई आशा अक्टूबर 2007, रविवार को आर.के. कम्यूनिटी सेन्टर, । नहीं रही। 'आचार्य श्री' प्राकृतिक सौन्दर्य युक्त विश्वजयपुर रोड, मदनगंज में किया जा रहा है। विख्यात अतिशयक्षेत्र 'श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र' मुक्तागिरी इन्दरचन्द पाटनी | में विराजमान थे। संयोगवश रूग्ण अवस्था में श्री सिद्धक्षेत्र' श्री दि. जैन ज्ञानोदय नवयुवक मण्डल, मुक्तागिरी पर उन्हें 'आचार्य श्री' का सुख-शांति का मंगल मदनगंज-किशनगढ़ आशीर्वाद तथा उद्बोधन प्राप्त हुआ। फलस्वरूप उन्होंने भगवान् महावीर संस्थान, कोटा के ट्रस्टी श्री प्रदीप जीवन के शेष सोलह वर्ष तक बिना इस भयानक रोग मीनाक्षी टोंग्या की सुपुत्री श्री चि. अधिश्री टोंग्या (रूही) की दवाई तथा इलाज के श्रावक के षट् आवश्यकों को ने केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली (C.B.SE.N. पालन करते हुये धर्म-निष्ठ जीवन व्यतीत किया। तद् Delhi) से कक्षा दसवी में 90% अंक प्राप्त कर उच्च स्थान उपरान्त 86 वर्ष की आयु में शांत-निराकुल परिणामों सहित प्राप्त किया है। एतदर्थ उनको हार्दिक वधाई। सर्व सम्पन्न परिवार जनों से निर्मोही हो, इस मनुष्य पर्याय हुकुम जैन (काका) को सार्थक करते हुये 3 जुलाई 2007 को अन्तिम श्वास भगवान् महावीर संस्थान, दादाबाड़ी, नसियां, कोटा (राज.) | ला। सुनील जैन रात में नहीं हो सकेंगी दिल्ली में सिखों की शादियाँ > दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी का फैसला > रस्म होटलों में नहीं केवल गुरुद्वारे में होगी > सिर्फ एक शाकाहारी भोज दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने फैसला | में 73 और पूर्वी दिल्ली में 53 सभाएँ हैं। उन्होंने बताया किया है कि अब राजधानी में सिख रात में शादियाँ | कि गुरुद्वारा कमिटी ने महसूस किया कि शादियों में नहीं कर पाएँगे। शादियाँ होटलों में नहीं, केवल गुरुद्वारों, दिखावे के कारण आम सिख पर बोझ बढ़ता जा रहा में होंगी। शादी में केवल एक शाकाहारी भोज की है। आठ-दस लाख रूपये एक-एक शादी पर खर्च किए व्यवस्था होगी। जा रहे हैं। सच तो यह है कि भ्रूण हत्या की बुराई गुरुद्वारा कमिटी के महासचिव बलबीर सिंह | भी इसी कारण पैदा हुई है। पंजाब में तो लड़कियों का विवेक विहार ने बताया कि इस महत्त्वपूर्ण फैसले की | अनुपात लड़कों की तुलना में काफी कम हो गया है। सूचना देने और रणनीति बनाने के लिए दिल्ली की उन्होंने बताया कि बैठक में फैसले को लागू करने सभी सिंह सभाओं की बैठक 28 जुलाई को गुरुद्वारा | के तरीकों पर विचार होगा। फैसला लागू करने के लिए रकाबगंज में बुलाई गई है। दिल्ली में इस समय 337 | स्वयंसेवकों का एक दल भी बनाया जा सकता है, जो रजिस्टर्ड सिंह सभाएँ हैं, जो विभिन्न इलाकों में गुरुद्वारों लोगों को जाकर समझाएगा। उन्होंने बताया कि इसके का संचालन करती हैं। इनमें सबसे ज्यादा पश्चिमी | बाद दहेज के खिलाफ भी इसी तरह का अभियान दिल्ली में 120. उत्तरी दिल्ली में 91, दक्षिण दिल्ली | चलाया जाएगा। नवभारत टाइम्स 13 जुलाई 2007 से 'साभार' 32 सितम्बर 2007 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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