Book Title: Jinabhashita 2005 10
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 32
________________ लेकिन मेरा नाम मत बताओ।' महिला के मन में मानवता | शिल्प-गणित के अनुसार लाल पत्थरों के भव्य शिखरबंद जाग उठने का कारण मुनिश्री के प्रवचन का प्रभाव था। | मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। परमपूज्य श्री अक्षयसागर मुनिमहाराजजी ने बाढ़ग्रस्त | मंदिर परिसर में मानस्तम्भ का निर्माण भी किया लोगों से मुलाकात की और बाढ़ग्रस्त दुःखी लोगों को सांत्वना | जायेगा। साथ ही यात्रियों के ठहरने हेतु सुविधायुक्त एक दी और धर्म के आचरण से अपने दु:ख को भूलकर जीवन | विशाल धर्मशाला एवं भोजनशाला का निर्माण भी किया में आगे आनेवाले दिनों में हिम्मतवान बनकर रहने की बात | जायेगा। कही। अन्नपूर्णा सेवाकेंद्र में कोई भी खाना न मिलने से मंदिर-निर्माण हेतु शिलान्यास एवं भूमिपूजन प्रतिष्ठाचार्य भूखा रहा तो मैं भी उस दिन उपवास का व्रत रखेंगा। यह | कान्तिलालजी पगारिया के तत्वाधान में ३० जनवरी २००५ उपदेश सुनकर बाढ़ग्रस्त लोग अपने मनोधर्म को जागत | को सम्पन्न हुआ था। आठ माह के अल्पकाल में ही मंदिर बनाकर मन की शांति पाये। अपने निर्माण के अन्तिम चरण में है। निर्माणसमिति के सचिव विजय पाटिल एवं कोषाध्यक्ष किशनगढ़ में महती धर्म-प्रभावना परम पूज्यनीया आर्यिका गणिनी बालयोगिनी १०५ | | महावीर जगदेव ने बताया कि मंदिरनिर्माण हेतु पूरे देश की | जैनसमाज से आर्थिक सहयोग प्राप्त हो रहा है। श्री स्याद्वादमती माताजी के पावन मंगलमयी चातुर्मास में | मंदिरसम्बन्धी जानकारी हेतु सम्पर्कसूत्र : भारत रामचन्द्र किशनगढ़ नगर में महती धर्म-प्रभावना हो रही है। विविध दोशी, म.नं. २३३, मालभाठ, पो. मडगांव, पिन ४०३६०१ प्रकार के कार्यक्रम प्रतिदिन आयोजित किये जा रहे हैं। जैनधर्म के २३ वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान् का श्रावण (गोवा)। सुदी ७ को मोक्षकल्याणक बड़े धूमधाम से विधान पूजनपूर्वक सन्तनिवास का शिलान्यास सम्पन्न आयोजित किया गया। दसवें तीर्थंकर शीतलनाथ भगवान के गर्भ, जन्म, तप पारसमल बाकलीवाल | कल्याणकों से पवित्र विदिशा नगर में आचार्य श्री विद्यासागर श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्वशांति । जी महाराज के मंगल आशीर्वाद एवं उनके परमशिष्य मुनिश्री अजितसागर जी महाराज एवं ऐलक श्री निर्भयसागर जी महायज्ञ सानन्द संपन्न महाराज के सान्निध्य में शीतल विहार न्यास द्वारा भव्य कोलकाता, श्री दिगम्बर जैन समाज कोलकाता द्वारा आयोजित श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्वशांति समोसरण मन्दिर, सन्तनिवास एवं विशाल धर्मशाला का महायज्ञ सानंद सम्पन्न हुआ। इस विधान का आयोजन दिनांक निर्माणकार्य प्रारम्भ किया जाना है। प्रथम चरण में भव्य एवं १४.७.२००५ से २२.७.२००५ अष्टाह्निका पर्व पर श्री दिगम्बर विशाल सन्तनिवास का निर्माण का शिलान्यास ब्र. श्री प्रदीप भैया अशोकनगर के मार्गदर्शन में दि. ११ अगस्त ०५ को जैन नया मन्दिर जी में किया गया था। समीर कुमार जैन सम्पन्न हुआ। गोवा राज्य के प्रथम दिगम्बर जैनमंदिर का निर्माण विदिशा म.प्र. में अ.भा.दि. जैन पाठशाला शिक्षक कार्य प्रगति पर प्रशिक्षण एवं संगोष्ठी समारोह सम्पन्न अरब सागर के तट पर स्थित भारतवर्ष की स्वर्णभूमि परमपूज्य आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य परमपूज्य मुनिश्री अजितसागर जी एवं सुप्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्र गोवा राज्य के व्यवसायिक नगर मडगांव में निर्मित होनेवाले प्रथम दिगम्बर जैनमंदिर का महाराज एवं पूज्य ऐलक श्री निर्भयसागर जी महाराज के पावन सान्निध्य में दसवें तीर्थंकर भगवान शीतलनाथ प्रभु के निर्माणकार्य प्रतिष्ठाचार्य, मंदिरशिल्प, वास्तुशिल्पशास्त्री पं. श्रीमान् कान्तिलालजी पगारिया निवासी सागवाड़ा (राजस्थान) गर्भ-जन्म-तप कल्याणकों से पवित्र विदिशा (भद्दलपुर) नगर में दिनांक 25 अगस्त से 28 अगस्त तक विभिन्न के निर्देशन में प्रगति पर है। धार्मिक आयोजनों के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष भारत दोशी ने बताया प्रारंभ म.प्र.शासन के खनिज मंत्री एवं विदिशा जिले के कि मंदिर में मूलनायक के रूप में देवाधिदेव आदिनाथ प्रभारी मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा के मुख्य आतिथ्य में हुआ। भगवान की प्रतिमा स्थापित की जायेगी। मुनि श्री अजितसागर जी महाराज द्वारा संकलित एवं पद्यानुवाद २००-२०० फिट के वर्गाकार परिक्षेत्र के मध्य 30 अक्टूबर 2005 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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