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प्रदर्शनी स्थल मारवाड़ी सेवा सदन सतना में उक्त | इस संस्थान की कार्य योजना में जैन धर्म द्वारा स्थापित विशेष कव्हर तथा विशेष केन्सिलेशन का विमोचन २८ | जीवन मूल्यों का विकास और प्रसार, साहित्य दर्शन, कलाओं जनवरी २००४ को आयोजित उद्घाटन समारोह में हुआ। | का अध्ययन, अनुसंधान, श्रमण संस्कृति आधारित प्राचीन भारतीय डाक विभाग के छत्तीसगढ़ परिमण्डल के चीफ भाषा साहित्य भाषा, व्याकरण का अद्यतन संदर्भो में उनकी पी.एम.जी. कल पृथ्वीराज कुमार इस समारोह के मुख्य | प्रासंगिकता पर सर्वेक्षण, शोध संग्रह का प्रकाशन आदि अतिथि थे। प्रस्तावक श्री जिनेन्द्र जैन ने अतिथियों को | शामिल हैं। इसी तरह राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों, शोध कार्यशालाओं विशेष कव्हर भेंट किये बड़ी संख्या में गणमान्य अतिथि, के माध्यम से श्रमण संस्कृति के साहित्य कलाओं को संरक्षण जैन समाज के प्रमुख नागरिक एवं संग्रहकर्ता इस अवसर प्रदान किया जाएगा, श्रमण संस्कृति की बिखरी संप्रदा का पर उपस्थित थे। सेंट्रल इण्डिया फिलाटेलिक सोसायटी के संग्रह कर संरक्षण किया जाएगा। जैन धर्म एवं दर्शन में परा सचिव तथा इस प्रदर्शनी के निर्णायक सुधीर जैन ने इस | स्नातक कक्षाओं एवं शोध कार्य संचालित किए जायेंगे। कव्हर व केन्सिलेशन की डिजाइन बनाई थी तथा उनका | इसके साथ-साथ व्याख्यान मालाओं का आयोजन किया जैन धर्म संबंधी टिकटों का संग्रह इस प्रदर्शनी के आमंत्रित | जाएगा तथा जैन धर्म के २४ तीर्थकरों के प्रतीक चिन्हों का वर्ग में विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया।
पर्यावरणीय महत्व, जैन मुनियों की दैनंदनी का आज के
सुधीर जैन | वातावरण पर प्रभाव तथा वास्तु एवं स्थापत्य कला की दृष्टि युनिवर्सल केबिल्स लिमिटेड, सतना, (म.प्र.)
से जैन मंदिर एवं मूर्तियों पर शोध परियोजनाएँ अधिग्रहीत
की जाएंगी। प्रो. वाजपेयी ने बताया कि इस संस्थान का चार करोड़ में बनेगा जैन विद्या शोध संस्थान
निर्माण लगभग पांच वर्ष में पूर्ण किये जाने का प्रस्ताव है। (संस्थान में जैन मुनियों के साधना कक्ष बनेंगे )
भवन के निर्माण में लगभग एक करोड़, कम्प्यूटर कक्ष पर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में चार करोड़
२५ लाख, ग्रंथालय पर ५० लाख, अतिथि कक्ष पर २५ की लागत से ज्ञान विद्या जैन शोध संस्थान की स्थापना की
लाख, शोधार्थी कक्ष पर २५ लाख, जैन मुनियों के लिए जाएगी । इस संस्थान के लिए एक भव्य एवं दिव्य भवन
उपयुक्त साधना कक्ष के निर्माण पर ५० लाख, कर्मचारियों का निर्माण पुस्तकालय एवं वाचनालय, कम्प्यूटर इत्यादि से एवं अकादमिकों के वेतन सुविधाओं पर खर्च एक करोड सुसज्जित प्रयोगशाला शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक प्रभावों को
तथा अन्य आकस्मिक प्रशासनिक व्यय पर लगभग २५ ग्रहण करने हेतु प्रयोगशाला, शोधार्थियों, अतिथियों के लिए
लाख का व्यय होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि इस आवास, जैन सन्यासियों के लिए उपयुक्त साधना कक्ष,
महत्वाकांक्षी योजना को मूर्त रूप देने के लिए मध्यप्रदेश विद्वानों के व्याख्यानों, भाषण मालाओं, अनुसंधान की पर्याप्त
शासन, केन्द्र सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी। ज्ञान विद्या जैन शोध
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भारतीय दर्शन परिषद, संस्थान का निर्माण अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के
विदेशी संस्थाओं तथा दानदाताओं एवं अन्य उपयुक्त साधनों कुलपति प्रो. ए.डी.एन. वाजपेयी की एक अत्यंत
से धनराशि जुटाई जाएगी। विश्वविद्यालय द्वारा संस्थान प्रारंभ महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके निर्माण में लगभग चार
करने के पूर्व भी दर्जन भर शोधार्थियों को जैन धर्म एवं करोड़ खर्च का अनुमान है।
दर्शन विषय पर शोध कार्य की स्वीकृति दी गई थी, जिस कुलपति प्रो. वाजपेयी ने बताया कि ज्ञान विद्या जैन
पर उन्होंने सफलतापूर्वक शोध कार्य पूर्ण किया है। शोध संस्थान की स्थापना जैन धर्म को केन्द्र में रखकर की
विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें शोध उपाधि प्रदान की गई। गई है। सर्वप्रथम जैन धर्म के सिद्धांतों पर अध्ययन-अध्यापन,
'नव भारत' (रीवा पत्रिका) अनुसंधान एवं उसके प्रचार-प्रसार को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके बाद जैन धर्म का अन्य धर्मों के सिद्धांतों के वह 20 सालों से सोया ही नहीं फिर भी है तंदुरुस्त साथ तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि
यहाँ एक 63 वर्षीय व्यक्ति ऐसा है, जो दो दशकों से
-फरवरी-मार्च 2005 जिनभाषित 45
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