Book Title: Jinabhashita 2005 02 03
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 52
________________ रजि नं. UP/HIN/29933/24/1/2001-TC डाक पंजीयन क्र.-म.प्र./भोपाल/588/2003-05 तिलवाराघाट (जबलपुर) में णमोकार मंत्र उच्चारण के साथ प्रतिभास्थली (विद्यापीठ) का भूमिपूजन प्रतिभा स्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ के भूमि पूजन और शिलान्यास के बाद आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए यह कहा, 'विज्ञान से तरक्की, प्रगति और समृद्धि तो मिली, पर वीतराग विज्ञान की प्रगति नहीं हुई जिसकी नितांत आवश्यकता है। स्वार्थ से ऊपर उठने पर ही वीतराग विज्ञान की प्राप्ति संभव है। धर्म-ध्वजाओं से लहराते मंडप के तले लगभग 10 फुट भीतर भू-गर्भ में आज णमोकार मंत्र के समवेत उच्चारण के साथ प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ का विधि-विधान पूर्वक भूमि पूजन और शिलान्यास किया गया। दयोदय परिसर स्थित सभा मंडप से कुछ फासले पर हुए इस समारोह में आचार्य श्री के पहुँचते ही गुरुवर की जय-जयकार हुई। अभय भैया और विनय जी ने मंत्रोच्चार के साथ अनुष्ठान प्रारंभ कराए। सबसे पहले पुष्पराज जी, श्रीमती चिंतामणी और सवाईलाल ने ध्वजारोहण किया। प्रतिभा स्थली की ज्ञान शिला प्रमोदकुमार बिलासपुर वालों ने रखी, प्रतिभा स्थली की प्रधान पाँच शिलाओं में पहली शिला श्री अशोक पाटनी, मदनगंजकिशनगढ़ एवं श्री पन्नालाल बैनाड़ा, आगरा ने रखी। शिलान्यास की शिलाओं का स्पर्श करने श्रद्धालुओं में होड़ लगी रही। भूमिपूजन शिलान्यास समारोह के पश्चात, सभा मंडप में आयोजित आचार्यश्री के प्रवचन के पूर्व, प्रतिभामंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण किया गया। भगवान आदिनाथ के चित्र का अनावरण प्रतिभा मंडल की चार बड़ी बहनों ने किया। आचार्य श्री ज्ञानसागर जी के चित्र का अनावरण भी किया गया। विधानसभा अध्यक्ष श्री ईश्वरदास रोहाणी, नगरीय प्रशासन मंत्री श्री जयंत मलैया, विधायक श्री हरेंद्रजीत सिंह बब्बू, शरद जैन, अनूप सिंह मरावी, पार्षद चक्रेश नायक, सुषमा जैन, जविप्रा पूर्व अध्यक्ष राशिद सुहैल सिद्दीकी, पूर्व उपाध्यक्ष रमेश बड़कुल, कलेक्टर रजनीकांत गुप्ता, पुलिस अधीक्षक उपेंद्र जैन, निगमायुक्त शीलेंद्र सिंह ने यहाँ पहुँचकर आचार्यश्री से आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर श्री जयंत मलैया ने व्यक्तिगत रूप से विद्यापीठ के लिए 1 लाख रूपए देने की घोषणा की। जैन समाज के दानवीरों में भी विद्यापीठ निर्माण के लिए सहयोग करने की होड़ लगी रही। समारोह का संचालन प्रतिभा स्थली न्यास के संस्थापक सदस्य नरेश गढ़वाल द्वारा किया गया। न्यास के अन्य संस्थापक राजेंद्र कुमार, अमिताभ जैन, अभय कुमार, अशोक आदिनाथ, चक्रेश मोदी एवं आनंद सिंघई ने किशनगढ़, आगरा, इंदौर, भोपाल और मुंगावली आदि स्थानों से इस समारोह में विशेष रूप से पधारे हुए अतिथिदानदाताओं को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। आयोजकों द्वारा सभी को शॉल-श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। हेलीकॉप्टर से पहुंचे रोहाणी विस. अध्यक्ष श्री ईश्वरदास रोहाणी प्रतिभा स्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ के भूमि पूजन कार्यक्रम में सम्मलित होने हेलीकॉप्टर से पहुंचे। उन्होंने स्वेच्छा निधि से 1 लाख रुपए के अनुदान की घोषणा करते हुए कहा कि यह उनके गृहनगर जबलपुर के लिए गौरव की बात है कि नर्मदा तट पर आचार्यश्री की प्रेरणा और प्रयासों से अस्तित्व में आए 'दयोदय तीर्थ और ज्ञानोदय विद्यापीठ' संपूर्ण भारतवर्ष में प्रसिद्धि अर्जित करेंगे। पश्चिम की हवा न लगने पाए आचार्य श्री ने कहा कि वीतराग विज्ञान की प्राप्ति के लिए हमें सावधानी के साथ चलना होगा। प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ में शिक्षिकाओं द्वारा किए जानेवाले अध्यापन और छात्राओं द्वारा किए जाने वाले अध्ययन को पश्चिम की हवा न लगने पाए, इससे सजग और सतर्क रहना होगा। हम विश्व के कोने-कोने में पहुँचने में सफल हो गए हैं, पर यह सभी कुछ एक व्यक्ति नहीं कर सकता। सामूहिक प्रयासों से ही ऐसा हो सका है। सामूहिक प्रयासों को संघ प्रतिबिंबित करता है। मुनिसंघ और आर्यिकासंघ के गठन के पीछे भी यही भावना रहती है। वटवृक्ष हो गया प्रतिभा मंडल मुनि श्री ने 'प्रतिभा मंडल' और 'ब्राह्मी आश्रम' के इतिहास, प्रगति और उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रतिभा मंडल की कल्पना सर्वप्रथम उनके नेमावर प्रवास के अवसर पर हुई थी। केवल 27 सदस्यों की मदद और सहयोग से गठित 'प्रतिभा मंडल'ने आज वटवृक्ष का रूप धारण कर लिया है। आपने विश्वास प्रकट किया कि अध्यापन करने वाली ब्रह्मचारिणियाँ अध्ययनरत बालिकाओं को अच्छे ढंग से संस्कारित करेंगीं और अच्छी शिक्षा प्रदान करेंगी। 'नवभारत' जबलपुर, 19 फरवरी 2005 से साभार स्वामी, प्रकाशक एवं मुद्रक : रतनलाल बैनाड़ा द्वारा एकलव्य ऑफसेट सहकारी मुद्रणालय संस्था मर्यादित, जोन-1, महाराणा प्रताप नगर, भोपाल (म.प्र.) से मुद्रित एवं सर्वोदय जैन विद्यापीठ 1/205 प्रोफेसर कॉलोनी, आगरा-282002 (उ.प्र.) से प्रकाशित। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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