Book Title: Jinabhashita 2004 03
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 34
________________ वर्ष भी श्रुत संवर्द्धन ज्ञान संस्कार शिक्षण शिविरों का आयोजन मई-जून में एक ही तिथि में विशाल स्तर पर आयोजित होंगे। बुंदेलखण्ड एवं मुजफ्फरनगर संभाग में ४० स्थानों पर शिविर लगाने की योजना बनायी गयी है । पं. सुनील जैन ‘संचय' जैनदर्शनाचार्य (नरवाँ ) श्री स्याद्वाद महाविद्यालय बी. ३/८०, भदैनी, वाराणसी २२१००१ शिविर सूचना श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर, जयपुर द्वारा प्रतिवर्ष ग्रीष्मकालीन धार्मिक शिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी संस्थान के विद्वानों द्वारा अनेकों स्थानों पर धार्मिक शिक्षण शिविर आयोजित हो रहे हैं। अतः समाज से अनुरोध है कि जो अपने ग्राम/ शहर कॉलोनी तथा क्षेत्रों आदि पर शिविर आयोजित करवाना चाहते हैं, वे महानुभाव यथाशीघ्र निम्नलिखित पते पर सम्पर्क करें । रतन लाल बैनाड़ा अधिष्ठाता श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान १/२०५, प्रोफेसर्स कॉलोनी, हरीपर्वत, आगरा (उ.प्र.) फोन : ०५६२-२१५१४२८, २१५२२७८ वसंत कुंज नई दिल्ली में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव 13 अप्रेल से 20 अप्रेल 2004 तक श्री दिगम्बर जैन मंदिर वसंतकुंज नई दिल्ली में भगवान १००८ श्री आदिनाथ जिन बिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवम् विश्वशांति महायज्ञ १३ अप्रेल २००४ मंगलवार से २० अप्रेल २००४ मंगलवार तक सिद्धांत चक्रवर्ती परम पूज्य आचार्य श्री विद्यानन्द जी मुनिराज की सत्प्रेरणा, आशीर्वाद एवम् सान्निध्य में होगा। पूज्य उपाध्याय श्री श्रुतसागर जी महाराज एवम् पूज्य आर्यिका बाहुबली माताजी का भी सान्निध्य प्राप्त होगा । पंचकल्याणक के प्रतिष्ठाचार्य संहितासूरी पं. श्री नाथूलाल जी शास्त्री के शिष्य पं. विजय कुमार जी शास्त्री इन्दौर एवम् सहयोगी प्रतिष्ठाचार्य पं. श्री बाहुबली पार्श्वनाथ उपाध्ये वेलगाँव होंगे। धरमचंद बाझल्य 32 मार्च 2004 जिनभाषित प्रवेश सूचना श्रमण परम्परा के उन्नायक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शुभाशीर्वाद एवं मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज की मंगल प्रेरणा से संचालित श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर का आठवाँ शैक्षणिक सत्र ७ जुलाई, २००४ से प्रारम्भ होगा। छात्रों को लौकिक शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक संस्कार भी प्रदान किये जाते हैं। यहाँ छात्रों को आवास, भोजन व पुस्तकादि की निःशुल्क व्यवस्था के साथ खेलकूद के लिये विशाल प्रांगण, कम्प्यूटर शिक्षा एवं अंग्रेजी भाषा की प्रवीणता लिये प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये विशेष दिशा निर्देश की भी सुविधा उपलब्ध है। इच्छुक छात्रों को समय-समय पर विधि विधान, वास्तुशिल्प विज्ञान एवं ज्योतिष का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। Jain Education International इसमें सम्पूर्ण भारत से प्रवेश के लिये अधिक छात्र इच्छुक होने से विभिन्न प्रदेशों के लिये स्थान निर्धारित हैं । अतः स्थान सीमित है। धार्मिक अध्ययन सहित कुल पाँच वर्ष के पाठ्यक्रम में दो वर्षीय उपाध्याय परीक्षा (सीनियर हायर सैकेण्डरी के समकक्ष) माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर से एवं त्रिवर्षीय शास्त्री स्नातक परीक्षा (बी.ए. के समकक्ष) राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। जो सरकार द्वारा आई.ए.एस. और आर. ए. एस. जैसी किसी भी सर्वमान्य प्रतियोगिता परीक्षा में सम्मलित होने के लिए मान्य है। जिन छात्रों ने १०वीं की परीक्षा (अंग्रेजी सहित) दी है अथवा उत्तीर्ण कर ली है तथा जो प्रवेश के इच्छुक हैं वे संस्था से निःशुल्क प्रवेश आवेदन पत्र मंगाकर १५ जून, २००४ तक निम्न पते पर अवश्य भेज देंवें । संसार में अपने को महान सिद्ध करने की इच्छा या अपना नाम या अस्तित्त्व स्थापित कर देने की इच्छा यदि नष्ट हो जाये, तब से व्रत प्रारम्भ करने का अधिकारी हो सकता है। अपने भावों को खोजो, यदि वह इच्छा है, तब व्रत का ढोंग है। यदि कल्याण चाहते हो तो पहले योग्य तर्कणाओं से उस इच्छा की भी होली कर दो। क्षु. सहजानंद मनोहर वर्णी जी डॉ. शीतल चन्द जैन निदेशक श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान वीरोदय नगर, सांगानेर, जयपुर (राज.) शोक समाचार कवि, लेखक, कहानीकार, 'अहिंसा वाणी', 'वॉयस ऑफ अहिंसा' के संपादक श्री वीरेन्द्र प्रसाद जैन 'दादा जी' का दिनांक ५ मार्च २००४ को आकस्मिक निधन हो गया है। 'जिनभाषित ' परिवार विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है। For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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