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फेलो' चुनी गई हैं। आपने अमेरिका, लन्दन, बैंकाक, नेपाल,
इस बहुमूल्य पर्याय का अविशिष्ट समय किस प्रकार मारीशस में प्रायोजित अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में आलेख प्रस्तति | बिताया जायेताकि आत्मा का विकास हो सके।
निवेदक किए हैं।
ट्रस्टी व कार्यकारिणी समिति के सदस्यगण ___पंजाब में सेशन जज श्री सुल्तानसिंह जैन के यहाँ १३
श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन शांतिनिकेतन उदासीन आश्रम जुलाई १९४१ को जन्म लेकर सुनीता जैन ने अंग्रेजी में एम.ए.
पो. ईसरी बाजार, जिला-गिरिडीह (झारखंड)
शिविरार्थियों के लिये आवास/भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था न्यूयार्क की स्टेट युनीवर्सिटी से किया और डाक्ट्रेट की उपाधि अमेरिका के ही लेब्रास्का विश्वविद्यालय से प्राप्त की। आपकी |
है। विशेष जानकारी के लिये पत्र-व्यवहार करें
सम्पत लाल छाबड़ा अब तक साठ कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं और लेखन कार्य
१८८/१/ जी, मानिकतला, मैन रोड निरन्तर जारी है। सम्मान समारोह में भारतीय ज्ञानपीठ के प्रबंध
कोलकाता ७०० ०५४ न्यासी डॉ. साहू रमेशचन्द्र जैन एवं संस्था के महासचिव श्री
पी.एच.डी.उपाधि से विभूषित सतीश कुमार जैन ने उनके गौरवमयी कतित्त्व पर विचार व्यक्त
वाराणसी, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी किये।
में जैन दर्शन विभागाध्यक्ष डॉ. फूलचन्द जैन 'प्रेमी' के कुशल सतीश कुमार जैन ||
निर्देशन में निम्न शोध पत्रों को वर्ष २००२ की विद्या वारिधि महासचिव
(पी.एच.डी.) उपाधि से विश्वविद्यालय द्वारा विभूषित किया 'ज्ञान के हिमालय' का लोकार्पण
गया है। आगरा, ११ फरवरी २००४ राष्ट्रसंत सराकोद्धारक पूज्य
१. गुण भद्राचार्य कृत आत्मानुशासन का समीक्षात्मक उपाध्याय श्री १०८ ज्ञानसागर जी महाराज की जीवन गाथा पर
अध्ययन- डॉ. बसन्त कुमार जैन आधारित, विख्यात लेखक श्री सुरेश जैन 'सरल' की लेखनी से
२.जैनाचार्य महाकवि ज्ञानसागर विरचित जयोदय महाकाव्य निःसृत एवं आचार्य शान्तिसागर 'छाणी' स्मृति ग्रन्थमाला से
का दार्शनिक अध्ययन - डॉ. पंकज कुमार जैन प्रकाशित महाकथा 'ज्ञान के हिमालय' का लोकार्पण आगरा के
३. महाकवि अर्हद्दास विरचित मुनिसुव्रत काव्य का श्री एम.डी. जैन कालिज में आयोजित श्रीमज्जजिनेन्द्र पंचकल्याणक
गवेषणात्मक अध्ययन - डॉ. देवेन्द्र सिंह प्रतिष्ठा महोत्सव समारोह में ज्ञान कल्याणक के अवसर पर पूज्य
सभी शोध प्रबन्ध संस्कृत भाषा में लिखे गये हैं। जैन उपाध्यायश्री के सान्निध्य में आयोजित भव्य समारोह में हुआ।
विद्या में हुए इस अनुसंधान के लिए उक्त शोध छात्रों को हार्दिक हंस कुमार जैन
बधाई। सूचना
भगवान सुपार्श्वनाथ का ज्ञान एवं निर्वाण षष्ट आत्म-साधना शिक्षण शिविर
कल्याणक हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन शांतिनिकेतन
वाराणसी, सातवें तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ भगवान् की निर्वाण उदासीन आश्रम
कल्याणक तिथि फाल्गुन कृष्ण सप्तमी को भदैनी वाराणसी में पो. ईसरी बाजार, जिला-गिरिडीह (झारखंड)
पवित्र गंगा नदी के किनारे स्थित सुपार्श्वनाथ तीर्थंकर की गर्भ, दिनाक २५.४.२००४ से २.५.२००४
जन्म, तप, ज्ञान कल्याणक भूमि पर निर्वाण लाडू हर्षोल्लास अत्यन्त हर्ष का विषय है कि परमपूज्य आचार्य श्री | पर्वक चढाया गया। इससे पूर्व फालान कृष्ण षष्टी को भगवान विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से सिद्धक्षेत्र श्री सम्मेद |
सुपार्श्वनाथ का ज्ञानकल्याणक भी उत्साह पूर्वक श्री स्याद्वाद शिखर जी के पादमूल में स्थित प्राकृतिक छटा से विभूषित परम
महाविद्यालय के तत्वाधान में मनाया गया। उल्लेखनीय है कि पूज्य क्षुल्लक १०५ श्री गणेश प्रसाद जी वर्णी की साधना स्थली
यहाँ पर सुप्रसिद्ध स्याद्वाद महाविद्यालय भी संचालित है। उदासीन आश्रम, इसरी बाजार में पं. श्री मूलचन्द्र जी लुहाड़िया
जैन संस्कार शिक्षण शिविरों की मचेगी धूम मदनगंज (किशनगढ़) बाल ब्र. पवन भैया, कमल भैया आदि के
वाराणसी- परम पूज्य सराकोद्धारक उपाध्याय श्री १०८ सान्निध्य में षष्ट आत्म-साधना शिक्षण शिविर का आयोजन होने
ज्ञानसागर जी महाराज की प्रबल प्रेरणा व आशीर्वाद से श्रुत जा रहा है, इस शिविर का मूल लक्ष्य होगा
संवर्द्धन संस्थान मेरठ के तत्त्वाधान में विगत वर्षों की भाँति इस
मार्च 2004 जिनभाषित
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