Book Title: Jinabhashita 2001 07 08
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 41
________________ श्री शान्ति-वीर-शिव-ज्ञान-विद्यासागरेभ्यो नमः वर्षायोग : चातुर्मास 2001 1 (2) (3) साहित्यमनीषी ज्ञानवारिधि दिगम्बर जैनाचार्यप्रवर श्री 108 पर्यावरण केन्द्र, गौशाला, तिलवारा घाट, पुराने पुल के पास, ज्ञानसागर जी महाराज के द्वारा दीक्षित-शिक्षित जैन श्रमण-परम्परा के जबलपुर -482003, मध्यप्रदेश, फोन नं. (0761) आदर्श सन्तशिरोमणि जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज तथा उनके 518185, फैक्स-346009 द्वारा दीक्षित शिष्यों का वीर निर्वाण संवत् 2527, विक्रम संवत् सम्पर्क सूत्र - अध्यक्ष- अरविन्द जैन चावल वाले (0761) 2058, सन् 2001 का वर्षायोग विवरण : 345904 (नि.), 653178, 512129 (दु.), महामंत्री(1) सन्त शिरोमणी आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी, मुनि श्री वीरेन्द्र जैन वीरू (नि.) 345944 (दु.) 348480, मो. समयसागर जी, मुनि श्री योगसागर जी, मुनि श्री पवित्रसागर 98270-68035, इंजी. अशोक जैन (का.) 426231, जी, मुनि श्री विनीतसागर जी, मुनि श्री निर्णयसागर जी, मुनि मो. 98270-45046, सतीश जैन नेता- (नि.) 512628, श्री प्रबुद्धसागर जी, मुनि श्री प्रवचनसागर जी, मुनि श्री मो. 98272-41163, चक्रेश मोदी- मो. 98270प्रसादसागर जी, मुनि श्री अभयसागर जी, मुनि श्री अक्षयसागर 21636, संजय जैन 'अरिहंत' मो.- 98270-92688 जी, मुनि श्री प्रशस्तसागर जी, मुनि श्री पुराणसागर जी, मुनि मुनिश्री नियमसागर जी महाराज, मुनि श्री पुण्यसागर जी श्री प्रयोगसागर जी, मुनि श्री प्रबोधसागर जी, मुनि श्री महाराज, मुनिश्री वृषभसागर जी महाराज प्रणम्यसागर जी, मुनि श्री प्रभातसागर जी, मुनि श्री चन्द्रसागर चातुर्मास स्थली : श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर जी, कपड़ा जी, मुनि श्री अजितसागर जी, मुनि श्री सम्भवसागर जी, मुनि बाजार, कोपरगाँव, अहमदनगर (महाराष्ट्र), फोन-(02423) श्री अभिनन्दनसागर जी, मुनि श्री सुमतिसागर जी, मुनि श्री 25505 पद्मसागर जी, मुनि श्री चन्द्रप्रभसागर जी, मुनि श्री सम्पर्क सूत्र - डॉ. अभयकुमार डगरे (02423) 22080, पुष्पदन्तसागर जी, मुनि श्री श्रेयांससागर जी, मुनि श्री नितिन कासलीवाल- 23303, प्रवीण गंगवाल-25499, पूज्यसागर जी, मुनि श्री विमलसागर जी, मुनि श्री अनन्तसागर धरमचंद अजमेरा-22325 जी, मुनि श्री धर्मसागर जी, मुनि श्री शान्तिसागर जी, मुनि मुनि श्री क्षमासागर जी महाराज श्री कुन्थुसागर जी, मुनि श्री अरहसागर जी, मुनि श्री मल्लिसागर चातुर्मासस्थली : श्री दिगम्बर जैन महावीर जिनालय महल जी, मुनि श्री सुव्रतसागर जी, मुनि श्री नमिसागर जी, मुनि श्री कालोनी, शिवपुरी- 473551, मध्यप्रदेश नेमी सागर जी, मुनि श्री पार्श्वसागर जी, ऐलक श्री निर्भयसागर सम्पर्क सूत्र- मोतीलाल जैन, मंगलम् लॉज, महल कॉलोनी, शिवपुरी, फोन (07492) 34364, सुरेश कुमार मारौरानोट- आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के द्वारा दीक्षित प्रायः 33364 (नि.), 33632 (का.) सभी साधुगण बालब्रह्मचारी हैं। जैन श्रमण-परम्परा के ज्ञात मुनि श्री गुप्तिसागर जी महाराज इतिहास/जानकारी में यह प्रथम श्रपण संघ है जिसमें वर्तमान चातुर्मास स्थली : श्री दिगम्बर जैन मंदिर जी निर्माण विहार, दीक्षित 184 साधुगण एवं आर्यिकाएँ भी बालब्रह्मचारिणी हैं। नई दिल्ली-117092 आचार्य श्री जी से आज्ञा प्राप्त कर देश के विभिन्न नगरों में मुनि श्री सुधासागर जी महाराज, क्षुल्लक श्री गम्भीरसागर जी लगभग 100 बालब्रह्मचारी भाई एवं 200 बालब्रह्मचारिणी महाराज, क्षुल्लक श्री धैर्यसागर जी महाराज, बहनें भी चातुर्मास कर रही हैं। चातुर्मास स्थली : श्री दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ नसियाँ, आचार्य श्री जी के द्वारा प्रतिदिन प्रातःकाल 'षट्खंडागम' दादाबाड़ी, कोटा- 324009 राजस्थान, फोन- 0744(वर्गणाखण्ड) पुस्तक 14 का तथा अपराह्नकाल 'समयसार' 431000 ग्रन्थ का स्वाध्याय कराया जाता है। सम्पर्क सूत्र : श्री राजकुमार बड़जात्या, 195/196 ए, वंदना, प्रत्येक रविवार को अपराह्न 3 बजे से आचार्यश्री का सार्वजनिक तलवण्डी, कोटा-5, फोन- (नि.) 0744-425936, प्रवचन होता है। 425421, (का.) 421802, 423391-96, फैक्सभगवान महावीर के 2600वें जन्मकल्याणक महोत्सव एवं 422104, मो.-98290-96079, ई-मेलअहिंसा वर्ष के प्रसंग पर भारत वर्ष के नाभिस्थल जबलपुर [email protected], श्री ऋषभ मोहिवाल,393, दादावाड़ी नगर में ऐतिहासिक त्रिपुरी कांग्रेस की अधिवेशन स्थली एवं विस्तार योजना, कोटा-9, फोन- 0744 (का.) 434653, नर्मदा (रेवा) नदी के तट पर यह इक्कीसवीं सदी का प्रथम (नि.) 433653 चातुर्मास गोशाला में हो रहा है। (6) मुनि श्री समतासागर जी महाराज, मुनि श्री प्रमाण सागर जी चातुर्मास स्थली - दयोदय तीर्थ, दयोदय पशु संवर्धन एवं | महाराज, ऐलक श्री निश्चयसागर जी महाराज -जुलाई-अगस्त 2001 जिनभाषित 39 जी, | (4) (5) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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