Book Title: Jinabhashita 2001 06
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 34
________________ सागर- आचार्य श्री विद्यासागर जी | पंडित रतनलाल जी बैनाड़ा शिविर के | प्रमाणपत्र वितरित किये गये। सागर जैन महाराज के आशीर्वाद से पूज्य मुनिश्री | कुलपति थे और श्री संतोष कुमार जी पटना | समाज ने पंडित रतनलाल बैनाड़ा का मुकुट समतासागर जी मनि श्री प्रमाण सागर जी | वाले आयोजक। प्रतिदिन तीन पारियों में | बाँधकर सम्मान किया। इस अवसर पर पज्य एवं ऐलक श्री निश्चय सागर जी के सान्निध्य कक्षाएं लगाई गईं। अध्यापन कार्य 8 घंटे मुनि श्री समतासागर जी महाराज ने कहा कि में सागर (म.प्र.) में 3 से 14 जून 2001 चलता था। तत्त्वार्थसूत्र का अध्यापन पं. | पंडित जी ने सागर में इतिहास रच दिया है तक सर्वोदय ज्ञान संस्कार शिक्षण शिविर का रतनलाल जी बैनाड़ा करते थे। तत्त्वार्थ सूत्र | | जहाँ एक साथ इतनी संख्या में लोगों को जैन आयोजन किया गया। शिविर में 3 साल से की कक्षा में लगभग एक हजार विद्यार्थी | धर्म में शिक्षित किया गया। उन्होंने कहा कि 80 साल की उम्र के 3000 से अधिक लोगों शामिल होते थे। शिक्षण शिविर बहुत लगते हैं लेकिन सागर ने भाग लिया। जाने-माने विद्वान् पंडित मकरौनिया में 500 से अधिक का शिविर इतिहास बन गया है जो लम्बे रतनलाल जी बैनाड़ा के नेतृत्व में श्री गणेश शिक्षार्थी शिविर में शामिल हुए। यहाँ की समय तक याद किया जायेगा। मुनि श्री प्रमाण दि. जैन संस्कृत महाविद्यालय सागर (म.प्र.) शिक्षण व्यवस्था ब्रह्मचारी श्री प्रदीप शास्त्री सागर जी महाराज ने कहा कि पंडितजी ने तथा मकरौनिया के जैन मंदिर परिसरों में पीयूष के जिम्मे की गई थी। आगरा के श्री देशभर में जैन विद्वान तैयार करने का जो आयोजित इस शिविर में बालबोध, छहढाला, सुनील शास्त्री भी इस शिविर के लिये विशेष बीड़ा उठाया है वह समाज के लिये अनुपम, द्रव्य संग्रह तथा तत्त्वार्थ सूत्र पढ़ाया गया। रूप से सागर आये थे। अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि पंडित जी पर इस शिविर के माध्यम से जैनधर्म और 14 जून को शिविर का समापन हुआ आचार्यश्री की कृपा है इसलिये वे अपने जिनवाणी की अभूतपूर्व प्रभावना हुई है। इस अवसर पर मेधावी शिक्षणार्थियों को उद्देश्य में अवश्य ही सफल होंगे। • रवीन्द्र जैन अनावश्यक हिंसा से बचिये आजकल सौंदर्य प्रसाधनों में चर्बी आदि अशुद्ध पदार्थों का उपयोग बहुत किया जा रहा है। अतः इस अनावश्यक हिंसा से बचने के लिये निम्न वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। क्र. वस्तु ब्रांड का नाम साबुन, मार्बल नीम, चन्द्रिका, गंगा, सिंथोल, मैसूर, सन्दल, मेडीमिक्स, शिकाकाई | टूथपेस्ट अमर, विकोवज्रदन्ती, बबूल, मिसवाक । 3. | टूथ पावडर प्रामीस, प्योरहन्स, अमर, वैद्यनाथ, विकोवज्रदन्ती, झंडू, भाग्योदय 4. | शेविंग क्रीम गोदरेज के सभी उत्पाद 5. शेम्पू आर्निका, ल्योर, सिल्केशा | 6. | टेलकम पावडर नाइसिल, निविया, लक्मे 7. नेल पालिश लक्मे, टीना, टिप्स एण्ड रोस 8. | क्रीम केलेमाइन (लक्मे), सन 9. | आइमेकप लक्मे आइ पेन्सिल 10. अगरबत्ती एलिफेन्टा, अल्फा 11.| एयर प्यूरीफायर आडोनिल 12. लिपिस्टिक लक्मे टिप्स एण्ड रोस 32 जून 2001 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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