Book Title: Jambudwip aur Adhunik Bhaugolik Manyatao ka Tulnatmaka Vivechan
Author(s): Harindrabhushan Jain
Publisher: Z_Parshvanath_Vidyapith_Swarna_Jayanti_Granth_012051.pdf

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Page 10
________________ जम्बूद्वीप और आधुनिक भौगोलिक मान्यताओं का तुलनात्मक विवेचन २३५ तृतीय क्षेत्र, जो कि शृङ्गवान् पर्वत के उत्तर में है, उत्तरकुरु है। जैन परम्परा में इसे ऐरावत वर्ण कहा गया है। यह प्रदेश आ रावत वर्ण कहा गया है। यह प्रदेश आधनिक इर्टिश ( Irtysh) दी ओब ( The ob) इशीम ( Ishim ) टोबोल ( Tobol ) नदियों का कछार प्रदेश है। दूसरे शब्दों में आधुनिक भौगोलिक वर्गीकरण के अनुसार यह क्षेत्र साइबेरिया का पश्चिमी प्रदेश है। इस प्रकार जम्बूद्वीप का यह उत्तरी क्षेत्र एक बहुत लम्बे प्रदेश को घेरता है जो कि त और केस्पियन सागर से लेकर येनीसाइ नदी ( Yenisei River-US.S.R.) तक तथा तुर्किस्तान-टीन शान पर्वतमाला से लेकर आर्कटिक समुद्र तक जाता है।' जम्बद्वीप का पश्चिमी क्षेत्र केतुमाल मेरु ( पामीर्स ) का पश्चिम प्रदेश केतुमाल है। जैन भूगोल के अनुसार यह विदेह का पश्चिम भाग है। इसके दक्षिण में निषध और उत्तर में नील पर्वत है। निषध पर्वत को आधुनिक भूगोल के अनुसार हिन्दूकुश तथा कुनलुन पर्वतमाला ( Hindukush-Kunlun ) माना गया है। यह केतुमाल प्रदेश चक्षु नदी ( Oxus River ) तथा आमू दरिया का कछार है। इसके पश्चिम में केस्पियन सागर ( Caspean Sea ) है जिसमें आक्सस नदी बहकर मिलती है। इसके उत्तर-पश्चिम में तूरान का रेगिस्तान है । इस प्रदेश को हिन्दू पुराण में इलावृत कहा गया है । इस प्रदेश में सीतोदा नदी बहती है । इसी प्रदेश में बेक्ट्रिया राज्य था जिसे हम पहले कह चुके हैं। ___ जम्बूद्वीप का पूर्वी क्षेत्र भद्रवर्ष मेरु के पूर्व का यह प्रदेश 'भद्रवर्ष' के नाम से हिन्दूपुराणों में कहा गया है । जैन भूगोल के अनुसार यह विदेह का पूर्वी भाग है । इसके उत्तर में नील ( Tien Shan Renge ) तथा दक्षिण में निषध ( Hindukush-Kunlun ) पर्वतमाला है । इसके पश्चिम में देवकूट और पूर्व में समुद्र है। आधुनिक भूगोल के अनुसार यह प्रदेश तरीम तथा ह्वांगहो ( Tarim and Hwangho) नदियों का कछार है। दूसरे शब्दों में सम्पूर्ण सिकियांग ( Sikiang ) तथा उत्तर-चीन प्रदेश इसमें समाविष्ट है । यहाँ सीता नदी बहती है । संक्षेप में हम कह सकते हैं कि भद्रवर्ष प्रदेश ( पूर्व विदेह ) के अन्तर्गत उत्तरी चीन, दक्षिणी चीन तथा त्सिगलिंग ( Tsing-Ling ) पर्वत का दक्षिणी प्रदेश आता है। यहाँ के निवासी पीतवर्ण के हैं। आधुनिक भूगोल के अनुसार इस नदी का नाम किजिल सू ( KigilSu ) है। १. डॉ० एस० एम० अली Geo. of Puranas pp. 83-87 ( chap. v Regions of Jambu Dwipa : Northern Regions. Ramanaka Hiranmaya and Uttar Kuru. २. वही pp. 88-98 : ( Chap. VI Regions of Jambu Dwipa-Ketumala ३. वही pp. 99-108. Chap. VII Regions of Jambu Dwipa : Bhadravarsa. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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