Book Title: Jambuchariyam
Author(s): Jinvijay, Chandanbalashree
Publisher: Bhadrankar Prakashan

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Page 302
________________ [२] द्वितीयं परिशिष्टम् ___जंबुचरिये विशेषनाम्नामकाराद्यनुक्रमः ॥ विशेषनाम पत्राङ्कः । विशेषनाम पत्राङ्कः उसहदत्त | [सेट्ठि] अ ७४, ७५, ७९, अज्जवरटुउड [ कुलपुत्त] २४, २८ | उसभदत्त ८०, १०७ अणाढिअ | [जक्ख] ७४, ८०, १०५, अणाढिय २२६, २२७ | एरवय [खेत्त] अभयसागर [ आयरिअ] ४८ अरिजयपुर। [नयर] १७८, १७९ | कणगमाला [इब्भपत्ती] १०२ अरिंजयपुर | कणयकेउ [ राया] ___ ५३, ६०, ६१ अवंती [ विसय] २०६ कणयवई । [इब्भपत्ती ५३, ५७, ५८, अवराइअ [राया] १८५ कणगवई । -रायधूया ] ५९, ६०, १०२ असणिघोस [विज्जाहरनरिंद] कणयसिरी | [इब्भधुया १०२, १७२ असोग [ वणिया] १४०, कणगसिरी | -जंबुपत्ती] अहया [चक्कयरधूया] कन्नकुमारी [ रायधूया] १८५ अंगा [जणवअ] कमलप्पहा [ देवी] २०६ अंबाडय [गाम] कमलवई । [इब्भधुया १०२, १७८ आ कमलावई| -जंबुपत्ती] आवया [जन्नपत्ती] कंचणपुर [ नयर] ९२ कामपडाया [गणिया] १७४ उज्जेणी [पुरवरी] २०६ | कलिंग | [विसय] १३३, १५८, १७३ उसह [ नाह] | कलिंगा । م १८६ م WW سه س Jain Education International 2010_02 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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