Book Title: Jainology Parichaya 02
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

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Page 36
________________ ५) पड - गिरना । सो रुक्खाओ पडित्था । वह झाड से गिरा। ६) गच्छ - जाना । ते वणं गच्छिंसु । वे वन में गये । भविष्यकाल (Future-Tense) जो घटनाएँ आगामी काल में होनेवाली हैं, उसके लिए हम भविष्यकालिक क्रियापदों का उपयोग करते हैं । भविष्यकाल के प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं - एक ‘इस्स' प्रत्यय से और ‘इह' प्रत्यय से होते हैं । पुरुष प्रथम पुरुष द्वितीय पुरुष तृतीय पुरुष (१) भविष्यकाल के प्रत्यय एकवचन इस्सामि, इस्सं इस्ससि इस्सइ अनेकवचन इस्सामो इस्सह इस्संति पुरुष प्रथम पुरुष द्वितीय पुरुष तृतीय पुरुष भविष्यकाल धातु (क्रियापद) : गच्छ (जाना) एकवचन गच्छिस्सामि, गच्छिस्सं गच्छिस्ससि गच्छिस्सइ अनेकवचन गच्छिस्सामो गच्छिस्सह गच्छिस्संति पुरुष प्रथम पुरुष सर्वनामसहित भविष्यकाल के क्रियारूप क्रियापद : भक्ख (खाना) एकवचन अहं भक्खिस्सामि । अहं भक्खिस्सं । (मैं खाऊंगा ।) तुम भक्खिस्ससि । (तू खायेगा । तुम खाओगे ।) सो भक्खिस्सइ । (वह खाएगा ।) द्वितीय पुरुष अनेकवचन अम्हे भक्खिस्सामो। (हम खायेंगे ।) तुम्हे भक्खिस्सह । (तुम सब खाओगे ।) ते भक्खिस्संति । (वे खाएँगे ।) तृतीय पुरुष

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