Book Title: Jainagmo Me Parmatmavad
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Atmaram Jain Prakashanalay
View full book text
________________
३४
२४।२०५ २५२६८ १३३५४ १३७४ १३।६८
२४/८ १।१०८ १३१५३ १४३५७ १३१६१
पुच्छा पुच्छा पुच्छा जहा अग्गेयीए पुट्ठाइ जाव नो पुढे जाव अणतेहिं पुढविकाइयएगिदियपयोगपरिणया जाव वणम्सइ० ०पुढविकाइय जाव परिणया पुढविक्काइया जाव उववज्जति - ०पुढवि जाव व पुढवीए जाव एगमेगसि पुप्फिया जाव चिट्ठति पुरंदर जाव दस पुरत्याभिमुहे जाव अलि पुरिसे जाव अप्पवेयण० पुरिसे जाव पचिहिं पुव्वरत्तावरत्तकालसमयसि जाव किंसठिया पुन्वरत्तावरत्त जाव जागर० पुद्वि भते लोयते पच्छा सव्वद्धा पेते जाव अणाणपुव्वी पोग्गला जाव दुहा पोग्गला जाव नो पोग्गलाण जाव सव्वपज्जवाण पोग्गले जाव विकुब्वइ पोराणाण जाव एगतसोक्खय पोरेवच्च जाव कारेमाणे पोसहसालाए जाव विहरिए पोसहियस्स जाव विहरित्तए फरिमे जाव पचविहे फासेत्ता जाव आराहेत्ता ववइ जाव नो नपुसगो वभचारी जाव पक्खिय बभचारी जाव विहरड
८।३ ८.१८ ६।१३१,१३२ ८.३६० १।२२१ ७१६३ ३।१०६ ७।२०४ ७१२२७ ११३६६ १५।१३२ २०६७ ११२६९-३०१ ११२६७ १२।७७ १६१५७ २५/१०० ७।१६६ १११५४ १३।१०२ १२।१८ १२।१३ १२।१२८ २१५६ ८।३०४ १२१६ १२।११
११४३७
८.१८ ६।१२८ ८।३६० ११२१६
७।६३ उवा० २।४०
७।२०३ ७१२२६ ११३६५ १५५१२८
२०६६ ११२६७ ११२६० १२।७० १६।५५
प०३ ७१९१६ ३१३३
३।४ १२।८
१२।६ ओ०सू०१५
२०५६ ८।३०४ १२।६ १२।६

Page Navigation
1 ... 1143 1144 1145 1146 1147 1148 1149 1150 1151 1152 1153 1154 1155 1156 1157