Book Title: Jain Tark Shastra me Anuman Vichar Aetihasik Adhyayan
Author(s): Darbarilal Kothiya
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 318
________________ जैन तर्कप्रभ्थकार और उनकी तर्ककृतियाँ : २९१ प्रमेयकण्ठिका प्रमुख शान्तिवर्णी नरेन्द्रसेन' (वि. १७८७ ) प्रमाणप्रमेयकलिका चारुकीर्ति (वि. १८वींश.) प्रमेयरत्नालंकार अर्थप्रकाशिका सप्तभङ्गीतरङ्गिणी प्रमेयक मलमार्तण्डटिप्पण ( अपूर्ण ) यशोविजय (वि. १८वींश.) अष्टसहस्रीविवरण अनेकान्तव्यवस्था जैनतर्कभाषा ज्ञान बिन्दु न्यायखण्डखाद्य अनेकान्तप्रवेश न्यायालोक शास्त्रवार्तासमुच्चयटीका गुरुतत्त्वविनिश्चय जैन सिद्धान्त भवन आरा ( अप्रकाशित ) माणिकचन्द्र जैन ग्रन्थमाला मैसूर यूनिर्वासटी, मैसूर अप्रकाशित प्रकाशित अप्रकाशित प्रकाशित सिंघी जैन ग्रन्थमाला सिंघी जैन ग्रन्थमाला प्रकाशित "" 11 11 11 १. विशेषके लिए देखिए, भारतीय ज्ञानपीठ वाराणसो द्वारा प्रकाशित मेरो प्रमाणप्रमेयकलिकाकी प्रस्तावना । २. विशेषके लिए देखिए, मैसूर यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित प्रमेयरत्नालंकारकी प्रस्तावना । ३८

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