Book Title: Jain Tark Shastra me Anuman Vichar Aetihasik Adhyayan
Author(s): Darbarilal Kothiya
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 317
________________ २९० : जैन तर्कशास्त्र में अनुमान-विचार सिद्धर्षि (वि. ११वीं श.) न्यायावतारवृत्ति रायचन्द्र शास्त्रमाला बम्बई अभयदेव ( वि. १०६७- सन्मतितर्कटीका गुजरात विद्यापीठ ११३७) अहमदाबाद अनन्तवीर्य प्रमेयरत्नमाला चौखम्बा संस्कृत सीरिज (वि० १२वीं शती ) ( परीक्षामुखवृत्ति ) वाराणसी शान्तिसूरि (वि. १२वीं श.) न्यायावतारवातिक सवृत्ति सिंधी जैन ग्रन्थमाला बम्बई देवसूरि __ प्रमाणनयतत्त्वालोकालंकार आहेत प्रभाकर कार्यालय (वि. ११४३-१२२६ ) पूना स्याद्वादरत्नाकर हेमचन्द्र प्रमाणमीमांसा सिंघी जैन ग्रन्थमाला बम्बई (वि. ११४५-१२२९) अन्ययोगव्यवच्छेद- प्रकाशित द्वात्रिंशतिका वादानुशासन अनुपलब्ध वेदांकुश प्रकाशित भावसेन विद्य विश्वतत्त्वप्रकाश जीवराज जैन ग्रन्थमाला, ( वि. १२-१३ शती ) सोलापुर लघुसमन्तभद्र अष्टसहस्री-टिप्पण प्रकाशित ( वि. १३ वीं श.) आशाधर प्रमेयरत्नाकर आशाधर प्रशस्तिमें ( वि. १३ वीं शती ) उल्लिखित शान्तिषण प्रमेयरत्नसार जैन सिद्धान्तभवन आरा ( वि. १३ वीं शती ) ( अप्रकाशित ) अभयदन्द्र (वि. १३वीं श.) लघीयस्त्रयतात्पर्यवृत्ति माणिकचन्द्र जैन ग्रन्थमाला रत्नप्रभसूरि स्याद्वाररत्नाकरावतारिका प्रकाशित (वि. १३ वीं शती ) मल्लिषेण स्याहादमंजरी रायचन्द्र जैन शास्त्रमाला (वि. १४ वीं शती) बम्बई जिनदेव कारुण्यकलिका न्यायदीपिकामें उल्लिखित धर्मभूषणे (वि. १५वीं श.) न्यायदीपिका वीर सेवा मन्दिर, दिल्ली अजितसेन न्यायमणिदीपिका जैन सिद्धान्तभवन आरा (प्रमेयरत्नमालाटीका ) ( अप्रकाशित ) १. विशेषके लिए देखिए, मेरे द्वारा सम्पादित और वीरसेवामन्दिर दिल्ली-द्वारा प्रकाशित 'न्यायदीपिका को प्रस्तावना।

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