Book Title: Jain Siddhant Pravesh Ratnamala 07
Author(s): Digambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
Publisher: Digambar Jain Mumukshu Mandal

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Page 175
________________ पृष्ठ संख्या पंक्ति * 101 1066 1072 "अशुद्धि भो"----- रघकती निवृत सम्यकमाग शुद्ध भी घषकती निर्वृत सम्यक्मार्ग तुरन्त 107 108 तुर्त 1 पढ 116 122 घोर 122 128 मुद गोर दोष समोवर रावन निजथर 131 'सरोवर रोवन निजघर ~ or ur / .20 MAMAL42020922 اسم اس 136 भयो भैया 1 137 138 145 भया किया मेरे 150 150 150 थ्याओ रचद्रव्य स्व स्वरूप कियाओ बड भया ही किया ही मरे घ्यायो स्वद्रव्य स्व स्वरूप क्रियाओ बड़े पूर्वक 151 ~ 155 156 Boor ओर और 157 164

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