Book Title: Jain Sanskar Evam Vidhi Vidhan
Author(s): Mokshratnashreejiji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 416
________________ 412 साध्वी मोक्षरत्ना श्री ग्रन्थ का नाम प्रतिष्ठाकल्प वि.सं. प्रतिष्ठापाठ प्रतिष्ठामयूख लेखक प्रकाशक । वर्ष रोड़, करौंदी, वाराणसी सकलचन्द्रगणिकृत शेठ नेमचंद मेलापचंद झवेरी, जैनवाड़ी, २०४२ उपाश्रय ट्रस्ट, गोपीपुरा, सूरत जयसेनाचार्य शेठ हीरालाल, नेमचंद । वि.सं. दोशी, मंगलवार पेठ, २४५२ शोलापुर सं.-डॉ. महेशचन्द्र कृष्णदास अकादमी, पो. १९६६ जोशी बा.नं.-१११८, के. ३७/११८, गोपाल मंदिर लेन, वाराणसी | पं. श्रीवायुनंदन चौखम्भा अमर भारती | २००५ मिश्र प्रकाशन, पो.बा.नं.-१३८, के. ३७/११८, गोपाल मंदिर लेन, वाराणसी पं. आशाधरजी पं. मनोहरलाल शास्त्री, | १६७४ श्री जैन ग्रंथ उद्धारक कार्यालय, बॉम्बे अनु.-हेमप्रभाश्रीजी | प्राकृत भारती अकादमी, | १६६६ जयपुर प्रतिष्ठामहोदधि प्रतिष्ठासारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्राचीन भारतीय संस्कृति के मूलतत्त्व बृहत्कल्पसूत्र बृहदारण्यकोपनिषद् डॉ. बाबूराम महालक्ष्मी प्रकाशन, त्रिपाठी आगरा सं.-मधुकरमुनि आगम प्रकाशन समिति, | १९६२ ब्यावर (राजस्थान) भाष्यकार भगवान् | गोविन्द भवन, कार्यालय, | वि.सं. गीताप्रेस, गोरखपुर । २०५२ अनु.- पं. बाल ब्र. श्री हीरालाल । १६६० कैलाशचन्द्र शास्त्री । | खुशालचन्द्र दोशी, शंकर भगवती आराधना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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