Book Title: Jain Sanskar Evam Vidhi Vidhan
Author(s): Mokshratnashreejiji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 415
________________ वर्धमानसूरिकृत आचारदिनकर में प्रतिपादित संस्कारों का तुलनात्मक एवं समीक्षात्मक अध्ययन 411 ग्रन्थ का नाम प्रकाशक । वर्ष दशाश्रुतस्कन्ध सं. मधुकरमुनि । आगमप्रकाशन समिति, १९६२ ब्यावर दीक्षायोग विधि सं.-शान्तिविमलगणि| श्री अमृत-हिम्मल-शान्ति | वि.सं. विमलजी जैन ग्रन्थ २०१८ मालावती, श्री जसवंतलाल, गिरधरलालशाह, कुबेर नगर, अहमदाबाद धर्मशास्त्र का इतिहास | डॉ. पांडुरंग वामन | उत्तरप्रदेश हिन्दी (१-४) काणे संस्थान, महात्मा गाँधी मार्ग, लखनऊ धर्मामृत अणगार अनु.- पं. भारतीय ज्ञानपीठ, १६७७ कैलाशचन्द्र शास्त्री बी/४५-४७, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली निर्वाणकलिका पादलिप्ताचार्य मोहनलाल भगवानदास जवेरी, निर्णयसागर, मुद्रालय, बॉम्बे सं.-मधुकरमुनि आगम प्रकाशन समिति, | १६६१ ब्यावर (राजस्थान) परमात्मप्रकाश अनु.-रावजीभाई मनुभाई भ. मोदी, १६६२ देसाई एवं श्री श्रीमद्राजचन्द्र आश्रम, पंडित गुणभद्र जैन स्टेशन-आगास, बाया आणंद, पोस्ट-बोरीया पंचवस्तुक ग्रन्थ | अनु.- राजशेखर अरिहंत आराधक ट्रस्ट, सूरीश्वरजी हिन्दुस्तान मिल्स स्टोर्स, ४८१ गनी अपार्टमेन्ट, मुंबई, आगरा रोड़, भिवंड़ी निशीथसूत्र पंचाशक प्रकरण अनु.-डॉ. दीनानाथ | पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध | १६६७ शर्मा संस्थान, आई.टी.आई. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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