Book Title: Jain Ramayan
Author(s): Gunratnasuri
Publisher: Jingun Aradhak Trust

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Page 140
________________ सम्पादित उत्तम साहित्य पूर्वपतसर्यदेवश्री शिवशमंसूरीधर विचित तिगतमुप कर्मप्रकृति CDIOPIO उपशमनाकरण (प्राकृत, संस्कृत) = १००/१५,००० श्लोक प्रमाण प्राकृत संस्कृत भाषा में उपशम श्रेणि के विषय का अद्भुत ग्रंथ है। उपशम सम्यक्त्व प्राप्ति, क्षयोपशम और क्षायिक सम्यक्त्व, अनंतानुबंधि कषाय का क्षय, देशविरति और उपशम का तात्विक वर्णन है। --Marelate महाभारता malifilms ATT m marathi AUGUह. श्री जितेन्दत पीजी ., आगामी प्रकाशन .. जैन महाभारत जैन महाभारत के अलग अलग ९० मल्टी चित्रों इम्पोर्टेड आर्ट पेपर छपेंगे। हिन्दी, गुजराती जैन महाभारत चित्र सहित पहली बार छप रहा है। चलो अनानुपूर्वी गीने (हिन्दी, गुज.) = ४०/सुंदर रंगीन अलग अलग २४ तीर्थंकर भगवान के २४ चित्रों सहित अनानुपूर्वी की आकर्षक पुस्तक। प्रेरका..आवादिव बी गुणराज सूरीधरजी म.सा. શતી સવલસરિક ક્ષમાપના, Pated रेकर्म तेरी गति न्यारी (गुज., हिन्दी) : २०/आत्मा, हर क्षण कौन से कर्म किस ढंग से बांधती है और उसका फल किस तरह भुगतती है, उसका बयान करनेवाली तत्वज्ञानमय सुंदर कृति। पर्युषण महापर्व के प्रवचन और सांवत्सरिक क्षमापना (गुज., हिन्दी) = १०/पर्युषण महापर्व के ८ व्याख्यानों सहित सांवत्सरिक क्षमापना हेतु भेजने की अद्भुत भेंट। finalisa ताEिR विपद तत्वज्ञान चित्रमय तत्वज्ञान एल्बम (हिन्दी, गुज.) -५०/प्रवेशकों को संक्षेप में १४ राजलोक, अढ़ी द्वीप, नौ तत्व आदि १७ विषयों पर मल्टी कलर मय १७ चित्रों सहित तत्वज्ञान की एक झाँकी। गुजराथपुरीधरजी .. चालो आपणे साचा जैन बनीये। (गुजराती) श्रावक के दैनिक ६ कर्तव्य आदि विषयों का विस्तार से वर्णन इस पुस्तक में किया गया है। चालोआपणे साचा जैन बनीये श्रीशनंजयादि चार महातीर्थ TOTL निर्देशक परिदन दिशा दर्शक यंत्र (गुज., हिन्दी, अंग्रेजी) = ७०/श्री शत्रुजय आदि ४ महातीर्थों का दिशा-दर्शक यंत्र । दुनिया के किसी भी कोने में रहकर श्री शत्रुजय, शंखेश्वरजी, सम्मेतशिखरजी तथा नाकोडाजी की दिशा में वंदन करने हेतु यह यंत्र अद्भुत साधन है। विश्व में इसकी सर्व प्रथम शोध हुई है। wdनानुमान गरेको Jain Education intamational -For Personal Priv- SAMOnly wwwjainelibrary.org

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