Book Title: Jain Parampara aur Yapaniya Sangh Part 02
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 878
________________ ८२४ / जैनपरम्परा और यापनीयसंघ / खण्ड २ ८१. जैन भारती : (दिगम्बर जैन नरसिंहपुरा नवयुवक मण्डल भीण्डर (मेवाड़) के मन्त्री द्वारा लिखित 'भट्टारक चर्चा' नामक पुस्तिका (ई० सन् १९४१) में उद्धृत) ८२. जैन विद्या के आयाम-ग्रन्थाङ्क २ (Aspects of Jainology, Vol. II)। पं० बेचरदास दोशी स्मृति ग्रन्थ। प्रकाशक : पार्श्वनाथ शोध संस्थान, वाराणसी, ई० सन् १९८७। ८३. जैन शिलालेख संग्रह (भाग १) : संग्रहकर्ता-डॉ० हीरालाल जैन। माणिकचन्द्र दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला समिति। वि० सं० १९८४ __ (ई० सन् १९२७)। ८४. जैन शिलालेख संग्रह (भाग २) : संग्रहकर्ता-पं० विजयमूर्ति। माणिकचन्द्र दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला समिति मुम्बई। ई० सन् १९५२। । ८५. जैन शिलालेख संग्रह (भाग ३) : संग्रहकर्ता-पं० विजयमूर्ति। प्रकाशक माणिकचन्द्र दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला समिति, मुम्बई। ई० सन् १९५७। - प्रस्तावना : डॉ० गुलाबचन्द्र चौधरी। ८६. जैन शिलालेख संग्रह (भाग ४) : संग्राहक-सम्पादक : डॉ० विद्याधर जोहरापुरकर। भारतीय ज्ञानपीठ काशी। वीर नि० सं० २४९१।। ८७. जैन साहित्य और इतिहास (प्रथम संस्करण) : पं० नाथूराम प्रेमी। हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, हीराबाग, गिरगाँव, बम्बई। ई० सन् १९४२ । द्वितीय संस्करण : प्रकाशक-संशोधित साहित्य-माला, ठाकुरद्वार, बम्बई -२। ई० सन् १९५६। ८८. जैन साहित्य और इतिहास पर विशद प्रकाश (प्रथम खण्ड) : पं० जुगलकिशोर मुख्तार। वीरशासन संघ कलकत्ता। ई० सन् १९५६। ८९. जैन साहित्य का इतिहास (पूर्वपीठिका) : पं० कैलाशचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री । श्री गणेशप्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला. वाराणसी। वीर नि० सं० २४८९। ९०. जैन साहित्य का इतिहास (भाग १, २) : सिद्धान्ताचार्य पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री। श्री गणेश प्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला वाराणसी। वीर निर्वाण सं० २५०२। ९१. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (भाग ३) : डॉ. मोहनलाल मेहता। पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोधसंस्थान, वाराणसी। ई० सन् १९६७। ९२. जैन साहित्य में विकार : पं० बेचरदास जैन। अनुवादक : तिलकविजय जी।। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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